पहाड़ो से पलायन कर चुके लोगों नें मिल कर अपने गाँव के बच्चों को शिक्षित करने का उठाया बीड़ा।

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पहाड़ों में शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर इंतज़ाम ना होने के चलते,पलायन का दर्द झेल रहे पहाड़ की खबरें तो हमनें बहुत सुनी होंगी पर वहीं कई वर्षो से नौकरी और व्यवसाय के लिए पहाड़ों से बड़े बड़े शहरों में गए कुछ लोगों नें अब अपने गावों में पढ़ रहे बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। ये मामला है सोमेश्वर के पास स्तिथ पड़ोलिया मनान गाँव का जहाँ वर्षो से बाहर रह रहे लोगों द्वारा अपने गांव के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को शिक्षित करने के उदेश्य से गाँव के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में कंप्यूटर लैब की स्थापना की गई है वही कुछ दिन पूर्व भी गाँव के ही सरस्वती शिशु मंदिर में भी बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कंप्यूटर लैब की स्थापना की गई।


मनान विकास समिति, मानन के सौजन्य से विद्यार्थियों को कंप्यूटर। शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से  दिनांक 28/8/2024 को   एक कंप्यूटर लैब की स्थापना की गई।
कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. संजय पाण्डे ने उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया ।
मुख्य अतिथि श्री कैलाश काण्डपाल के  द्वारा दीप प्रज्वलित कर के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर मनान विकास समिति  के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री कैलाश काण्डपाल के साथ समिति के उपाध्यक्ष श्री मोहन उप्रेती , सचिव श्री राधा किशन पाण्डे ( राजन पाण्डे), और समिति की संस्थापक सदस्य श्रीमती कौशल पाण्डे भी उपस्थिति रही।
वहीं मनान विकास समिति के द्वारा बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 12वी कक्षा के लिए 15000/= Fifteen Thousand और 10वी कक्षा के लिए 10,000/= रू की और इसी क्रम में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले दोनों विद्यार्थियों को 5000/= और 5000/= (पांच, पांच हजार रूपए की पुरस्कार राशी प्रदान की जाएगी। प्रथम  पुरस्कार राशि  श्री कैलाश काण्डपाल और द्वितीय पुरस्कार राशि श्री राजन पाण्डे के द्वारा प्रायोजित किए गए।
मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य के साथ साथ श्री मोहन उप्रेती, राजन पाण्डे, कौशल पाण्डे एवम संजय जोशी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के अंत में डा. संजय पाण्डे  ने उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का और मनान विकास समिति का आभार व्यक्त करते हुए सभी से भविष्य में भी कॉलेज से जुड़े रहने का अनुरोध किया। साथ ही बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए समिति द्वारा किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की।

जिस तरह से समाज के वरिष्ठ और धनाढ्य लोग एकजुट होकर अपनी जन्मभूमि को अब सींचने का काम कर रहे हैं वो अब पहाड़ों में एक मिसाल बनता जा रहा है। समिति के इन प्रयासों से जहाँ एक तरफ गावों में रह रहे बच्चों को अब कंप्यूटर क्षेत्र में भी नई नई तकनीकी चीजों को सीखने का मौका मिलेगा वहीं अपने आप को शहरों की तरह शिक्षा में कहीं पिछड़ापन नहीं महसूस होगा।


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