कल एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने प्रेस वार्ता कर विगत दिनों हुई किशोरी की मौत का खुलासा किया। जिसमें उसके संगे भाई ही कातिल निकला। प्रेसवार्ता ने दौरान एसएसपी मीणा ने बताया कि विगत 22 सितंबर को शेर सिंह पुत्र धरम सिंह, निवासी ग्राम कोटली थाना खनस्यू ने खनस्यू थाने में तहरीर दी गई कि 17 सितंबर को उसकी नाबालिग पुत्री घर से पास के ही जंगल में मिट्टी लेने गई, इसके बाद वह घर वापस नहीं पहुंची। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
इस दौरान पुलिस जांच में सामने अया कि गुमशुदा किशोरी की तलाश के दौरान उसका शव ग्राम कोटली में बांज के पेड़ों के नीचे मिला है। मौके पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम पहुची। जहां घटनास्थल पर गहनता से जांच की। एसएसपी ने घटना के खुलासे के लिए तीन टीमों का गठन किया। पुलिस टीम ने कई लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि गुमशुदा का शव संदिग्ध अवस्था में मिला था। जिसके बाद मुकदमे में बदलाव किया गया। इस पुलिस जांच के दौरान जो सामने आया वो एकदम चैका देने वाला था। गुमशुदा का उसी गांव के निवावी त्रिलोक सिंह पुत्र चंदन सिंह निवासी कोटली, उम्र 35 के साथ संबंध थे। जिन्हें त्रिलोक की पत्नी ने मृतका व अपने पति त्रिलोक को एक साथ में बैठे हुए देख लिया था। इसके बाद त्रिलोक की पत्नी, मृतका की माँ के मध्य बहस हुई। इस पूरे घटना से गुमशुदा किशोरी का छोटा भाई काफी आवेशित हुआ। इसके बाद जब किशोरी घर नहीं लौटी तो वह उसे ढूंढने के लिए निकल पड़ा। पहाड़ों की पगडंगी के किनारे अपनी बहन के मिलने पर उसके भाई ने बहन के दुपट्टे से ही गला घोटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को वही झाड़ियों में छिपा दिया।
इसके बाद अगले दिन बहन के प्रेमी त्रिलोक सिंह के ऊपर दबाव बनाया कि यदि मृतका का शव घटनास्थल से कही और छुपाने में उसने साथ नहीं दिया तो उसको अपनी बहन की हत्या की साजिश में फंसा देगा। इसके बाद दोनों ने मिलकर मृतका किशोरी के शव को घटनास्थल के पास ही बांज के पेड़ों के पास छिपा दिया। आज पुलिस ने किशोरी की हत्या पर उसके भाई और उसके प्रेमी त्रिलोक सिंह कोटलिया पुत्र चंदन सिंह को हिरासत में लिया है। मामले में शामिल मृतका का भाई विधि विरुद्ध बालक को जेजे. एक्ट के प्रविधानों के अनुसार उसके पिता व संरक्षक शेर सिंह को नियमानुसार रखा गया। जिन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जा रहा है।