रिखणीखाल और धुमाकोट में नही थम रही बाघ का खौफ रिखणीखाल क्षेत्र में घरेलु मवेशी को बेखौफ घसीटकर जंगल ले जाता बाघ कैमरे में कैद, पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पुत्रववधु अनुकीर्ति ने कहा सरकार को उठाने होंगे जल्द गंभीर कदम।
पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्र में बाघ की सक्रियता थमने का नाम नही ले रही है, रिखणीखाल में बाघ बाघ की सक्रियता से ग्रामीणों में भय का माहौल कायम है वहीं पूर्व कैबिनेट व पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा की वे जब मंत्री पद पर थे तो उन्होंने पाखरो टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को शुरू करवाने की कवायद की थी ताकि 106 हैक्टर के भीतर की बूढ़े हो चुके और मानवीय जीवन के लिए भयावह बन चुके बाघ पाखरों टाइगर सफारी प्रोजेक्ट में रहें लेकिन अब हाल ये है की कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क का जो हिस्सा पौड़ी जिले में है उसका आर्थिक दृष्टि से तो कोई फायदा यहां की जनता को नही पहुंचा बजाय इन सबके बाघ की सक्रियता रिखणीखाल क्षेत्र में जरूर बढ़ गई है।बाघ अब इंसानी बस्तियों के करीब पहुंचकर मनुष्य और मवेशियों को बेखौफ अपना निवाला बना रहा है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे पौड़ी जिले के इस हिस्से की जनता को इसका खामियाजा अवश्य उठाना पड़ रहा है हरक सिंह ने कहा की लैंसडाउन विधायक दलीप रावत और भाजपा सरकार आखिर क्यों कोई ठोस कदम नही उठा रही है जबकि राज्य और केंद्र में भाजपा की ही सरकार है तो क्यों बाघ प्रभावित क्षेत्रों में कोई ठोस एक्शन नही लिए जा रहे हैं ये उनकी समझ में नही आ रहा वहीं कांग्रेस नेत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधु अनुकीर्ति गुसाईं ने कहा कि लैंसडाउन की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है उन्होंने कहा की बाघ की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे अनुकृति ने कहा की लैंसडाउन विधानसभा को कभी कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधीन होने का फायदा मिला ही नहीं न ही लैंसडाउन के विधायक ने कभी इस ओर ध्यान दिया ऐसे में यहां की जनता सिर्फ बाघ की सक्रियता का खमियाजा ही भुगत रही है। वहीं इस क्षेत्र की क्षेत्र पंचायत सदस्य विनिता ध्यानी ने कहा की बाघ की दहशत से आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए प्रशासन और सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।