दिनेशपुर नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी सुश्री सरोज गौतम पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत दिनेशपुर वासी को भ्रामक और तय समय में सूचना ना देनें का दोषी मानते हुए 25 हजार दंड की कार्यवाही करने व कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बता दें की दिनेशपुर नगर पंचायत में चल रही अनियमिताओं को लेकर दिनेशपुर के वार्ड न. 4 रहवासी ध्रुव कुमार वैध नें 10 माह पूर्व नगर पंचायत में RTI लगाई थी जिसमें भवन कर वसूलने सम्बंधित सूचनाओं का ब्यौरा ध्रुव कुमार वैध द्वारा माँगा गया था। पर दिनेशपुर नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी और लोक सूचना अधिकारी सुश्री सरोज गौतम द्वारा ना केवल प्रार्थी को तथ्यों को छुपाया बल्कि साथ ही उनके द्वारा जिलाधिकारी सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी गलत तथ्यों को रखा, वैध नें गलत सूचना मिलने और देरी से सूचना मिलने के चलते देहरादून इस्तिथ सूचना आयुक्त के पास अपील की जिसमें 6 मई को दोनों पक्षो की सुनवाई के बाद सूचना आयुक्त योगेश भट्ट नें सरोज गौतम को दोषी मानते हुए उन पर 25 हजार का जुर्माना निर्धारित करने वरन कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बता दें की सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कोई भी सरकारी विभागों से उनके सम्बंधित कार्यों के विषय में 30 दिनों के भीतर सूचना प्राप्त कर सकता है। और देरी के लिए विभाग पर दंड का प्रावधान भी है। इसी के चलते दिनेशपुर निवासी ध्रुव वैध नें नगर पंचायत जो की अनियमितताओं का गढ़ बन चुका है के कार्यों के सम्बन्ध में 10 माह पूर्व सूचना मांगी थी पर अधिशासी अधिकारी द्वारा उन्हें तथा उच्च अधिकारीयों को निरंतर भ्रामक तथ्यों द्वारा गुमराह किया जाता रहा। पर सूचना आयुक्त जो अपनी न्याय प्रणाली और सूचना के अधिकार को काफी बल देते हैं नें ध्रुव वैध द्वारा अपील के निस्तारण में अधिकारी पर कठोर आर्थिक दंड कार्यवाही व कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ये कोई पहला मामला नहीं है जहाँ विभागों द्वारा अपनी कारगुजारियो को छुपाने के लिए सूचना का अधिकार अधीनयम के तहत मांगी गई सूचनाओं की अँधेखी की जाती है और कई बार प्रार्थी को भ्रामक तथ्यों के साथ गुमराह किया जाता है पर सूचना आयुक्त योगेश भट्ट की कार्यवाही उन भ्रस्ट अधिकारीयों के लिए एक नजीर साबित होगी जो तथ्यों को छुपाते और अधिकारीयों और लोगों को गुमराह करते हैं।