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2022 विधानसभा चुनाव की ही तर्ज पर फिर एक बार फिर 3 साल बाद पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की छवि को धूमिल करने के लिए उनकी पहले की ऑडियो को वायरल किया जा रहा है जिसमें पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल मीना शर्मा का मुस्लिमों से प्रेम को लेकर बात कर रहे हैं जिसे उनके ही तत्कालीन साथी द्वारा रिकॉर्ड किया गया था और राजनितिक महत्वकांशा और पूर्व नियोजित कूटनीतिक षड़यंत्र के तहत ही राजकुमार ठुकराल की कई पर्सनल बातों को समय समय पर राजनितिक लाभ लेने के लिए मीडिया में निकाला जाता रहा है। और अब फिर निकाय चुनाव आते ही एक और पुरानी ऑडियो को लीक करके शहर में राजकुमार ठुकराल की छवि को उनकी मुस्लिम समाज बढ़ती लोकप्रियता और सर्व समाज में उनके बढ़ते कद को धूमिल करने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है।
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चुनाव के समय ही क्यों निकलती हैं ऑडियो?
बता दें कि जिस तरह से 2022 में विधानसभा चुनाव के समय कुछ चैंनलो में तत्कालीन विधायक राजकुमार ठुकराल कि ऑडियो को लीक करके वायरल किया गया था वहीं फिर एक बार निकाय चुनाव आते ही ऑडियो का जिन्न बाहर निकाला गया ताकी चुनाव हारने के 3 साल बाद भी विधायक राजकुमार ठुकराल के बढ़ते कद और लोकप्रियता को धूमिल किया जा सके। जैसा कि कयास लगाए जा रहे हैं कि निकाय चुनाव में निगम की सीट में आरक्षण का ऊट जिस करवट बैठेगा उसी की तर्ज पर राजकुमार ठुकराल भी अपनी राजनितिक मौजूदगी दर्ज करेंगे। पर मौजूदा परिपेक्ष में देखा जाए तो राजकुमार ठुकराल की मौजूदगी का फायदा वो चाहे जिस भी तरफ रहे उस पार्टी को मिलना तय है और जिस तरह से रमपुरा, भूत बंगला और अन्य बस्तियों में राजकुमार ठुकराल की लोकप्रियता मौजूदा विधायक की तुलना में बड़ी है उसे ही फिर एक बार धूमिल करने की साजिश को फिर एक बार ऑडियो लीक करके रचा गया है। वरना चुनाव आते ही ऑडियो का लीक होना फिर एक बार शहर में चर्चा का विषय है और वहीं सवाल भी खड़े कर रहा है कि कैसे चुनाव आते ही ये ऑडियो वायरल की गई? और ऑडियो में साफ सुनाई दें सकता है कि इस ऑडियो को रिकॉर्ड करने वाले की आवाज़ काफी साफ और राजकुमार ठुकराल की आवाज़ काफी दूर से और हल्की आ रही है। वहीं ऑडियो को रिकॉर्ड करने वाला विभीषण भी “माँ की गाली ” देकर राजकुमार ठुकराल की झूठी प्रसंशा और उन्हें उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इससे ये भी साफ है कि उसी विभीषण का ठुकराल के विरोधी अब लाभ ले रहे हैं। और उस विभीषण का मौजूदा समय में ठुकराल के विरोधियों के साथ होना इसके पीछे विरोधियों की राजनितिक मनसा को साफ कर रहा है।
3 साल बाद भी कायम है राजकुमार ठुकराल का जलवा।
बता दें कि 2022 में विधानसभा चुनाव में राजकुमार ठुकराल निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद अपने दम पर 27000 वोट लाने में सफल रहे और भले ही राजकुमार ठुकराल नें सीट गवाई हो पर इन तीन सालों में राजकुमार ठुकराल नें शहर में अपनी मौजूदगी कभी भी खलने नहीं होने दी।फिर चाहे व्यापार मंडल चुनाव हो या रमपुरा, भूत बंगला और शहर की कई बस्तियों में जिस तरह से राजकुमार ठुकराल का कद बड़ा है उस से कहीं ना कहीं राजनितिक गलियारों में उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. और यही वजह है कि फिर एक बार ऑडियो वायरल करके उनकी छवि को धूमिल करने कि कोशिश की जा रही है। इससे ये कहना गलत नहीं होगा कि राजकुमार ठुकराल का जलवा इन तीन सालों में कहीं किसी स्तर पर कम नहीं हुआ है और वो आज भी अपने विरोधियों के लिए सरदर्द बने हुए हैं। इसीलिए तीन साल से भी ज्यादा पुराने ऑडियो को वायरल करके उनके विरोधी इस निकाय चुनाव में फिर एक बार सनसनी फैलाने कि फिराक में हैं।
लोगों की बदल चुकी है सोच।
फिर एक बार ऑडियो वायरल होने के बाद भले ही शहर के एक उच्च वर्ग के तबके में चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ हो पर इससे कहीं भी राजकुमार ठुकराल की छवि को कोई नुकसान नहीं होते दिख रहा है। क्योंकि निकाय चुनाव में आपसी संबंधों से जीत हार का ही निर्धारण होता है और विशेषज्ञयो की माने तो निकाय जैसे चुनावों में नेता की जमीनी स्तर में पैठ और उसके आम जनमानस के साथ रिश्तों से जीत और हार का निर्धारण होता है. और इन मामलों में राजकुमार ठुकराल अपने विरोधियों की तुलना में कहीं आगे नजर आते हैं और निकाय चुनाव में इसी छवि को धूमिल करने की असफल कोशिश का कितना असर आने वाले चुनाव में पड़ेगा ये वक़्त ही बताएगा। वहीं ये भी गौर करने वाली बात है कि ऑडियो वायरल करने जैसी घटनाएं कुछ समय के लिए कुछ उच्च और संपप्न वर्ग विशेष के लोगों में चर्चा का विषय तो बन सकती है पर वास्तविक वोटर जो शहरों की बस्तियों में रहता है उसे ना तो इन ऑडियो से कोई फर्क पड़ता है और ना ही उसकी समझ में ये चीजे आती हैं जो वोट डालने जाता है तो अपने नेता की उसके बीच मौजूदगी को देखते हुए वोट डालने जाता है जिसमें पिछले कुछ समय से राजकुमार ठुकराल अपने विरोधियों से मीलों आगे दिखते हैं। और इसका प्रमाण रमपुरा में स्वर्गीय बंटी कोली की अंतिम यात्रा में देखा जा सकता था।
अब देखना होगा की इस वायरल ऑडियो का फायदा राजकुमार ठुकराल के विरोधियों को मिलता है या राजकुमार ठुकराल की बस्तियों में मजबूत छवि इस ऑडियो को अनसुना करके उन्हें निगम के ताज पर बैठाएगी। जिस तरह से समीकरण बन रहे हैं और अगर निगम की सीट सामान्य महिला होने के भी कयास जिस तरह से लगाए जा रहे हैं उसके चलते कांग्रेस नेत्री मीना शर्मा का बीजेपी में जाना लगभग तय माना जा रहा है और उनके मुस्लिमों से सम्बन्धो को लेकर वायरल ऑडियो से और उनके बीजेपी में जाने से उनका वोट बैंक भी खिसकता दिख रहा है।
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