
ऊधमसिंह नगर पुलिस के एसएसपी मणिकांत मिश्रा का अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के सख्त निर्देशों के क्रम में अपराधियों के खिलाफ जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में पुलिस ने 34 लाख की धोखाधड़ी के मामले में मुख्य अभियुक्त अभिजीत घोष को पश्चिम बंगाल में भूटान सीमा के समीप से गिरफ्तार किया है।

26 अप्रैल, 2024 को शिकायतकर्ता माधवी पचौरी ने ट्रांजिट कैंप थाने में अभिजीत घोष के खिलाफ 34 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। माधवी का आरोप था कि अभिजीत घोष ने प्याज की खरीद-फरोख्त के बहाने उनसे लाखों रुपये ठग लिए। यह एक ऐसी जालसाजी थी जिसने एक महिला को अपनी मेहनत की कमाई से वंचित कर दिया था। मामला पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंहनगर मणिकांत मिश्रा के संज्ञान में आया तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। विशेष टीम का गठन किया गया, जो पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई।
लंबी दूरी और मुश्किल भरे रास्ते को पार करते हुए, 30 मई, 2025 को एसओजी, सर्विलांस टीम के अथक प्रयासों से 55 वर्षीय अभिजीत घोष को जयगांव, जिला अलीपुरद्वार, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया गया। यह जगह भूटान सीमा के बेहद करीब और रुद्रपुर से लगभग 2000 किलोमीटर दूर है। इतनी दूरी तय कर अपराधी को दबोचना ऊधमसिंहनगर पुलिस के दृढ़ निश्चय और क्षमता का प्रमाण है। अभिजीत घोष, जिसका मूल पता आर एन सिंह रोड, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल है और जो हत्जन बाजार, थाना सुरी, जिला बीरभूम, पश्चिम बंगाल का निवासी है, अब पुलिस की गिरफ्त में है।
इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली पुलिस टीम में उप निरीक्षक प्रकाश चंद्र (आवास विकास), थाना ट्रांजिट कैंप, उप निरीक्षक रीता चौहान साइबर सेल ऊधम सिंह नगर,का. ज्योति चौधरी साइबर सेल ऊधम सिंह नगर, का. पूजा महेरा साइबर सेल ऊधम सिंह नगर, कांस्टेबल नंदन राम, थाना ट्रांजिट कैंप, कांस्टेबल भूपी आर्या, एसओजी रुद्रपुर, कांस्टेबल वीरेंद्र रावत, एसओजी रुद्रपुर शामिल रहे। यह गिरफ्तारी ऊधमसिंहनगर पुलिस के “अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति का एक और उदाहरण है।

