हल्द्वानी के चर्चित व्यापारी अंकित चौहान मर्डर मिस्ट्री के आँखिरकार मुख्य आरोपी माही और उसका पुराना प्रेमी पुलिस के जाल में फंस गये। हत्याकांड के बाद पांच आरोपी फरार थे लेकिन पुलिस ने सबसे पहले सपेरे को गिरफ्तार किया, जिसके बाद हत्यकांड की कहानी का पता चला। अब माही की नौकरानी और नौकर फरार चल रहे है। अंकित हत्याकांड में तीन आरोपी अभी तक गिरफ्तार हो चुके है। आज आईजी नीलेश आनंद भरणे ने आज पूरे मामला का खुलासा किया। और जो कहानी सामने आई वो अपने आप में सब को चौका देगी।
बता दें विगत 15 जुलाई को तीनपानी गोलापास रोड़ पर एक संख्या यूके 04 क्यू-15 कार में अंकित चौहान पुत्र धर्मपाल चौहान निवासी रामबाग कालोनी रामपुर रोड़ हल्द्वानी की लाश मिली थी। जिसके बाद उनकी बहन ईशा चैहान ने कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। इधर अंकित की पोस्टमार्टम में सामने आया कि उसके दोनों पैरों के पिछले हिस्से में दो बार सांप के काटने के निशान है। पोस्टमार्टम में सांप के काटने की पुष्टि हुई। ऐसे में पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि अंकित की हत्या हुई है। जिसके बाद पुलिस ने काॅल डिटेल खंगाली तो गोरा पड़ाव निवासी डौली उर्फ माही से उसकी बातें होती थी। जब पुलिस ने माही की काॅल डिटेल खंगाली तो पता चला कि अंकित से उसकी कई सालों से बातचीत हो रही थी। पुलिस ने डाॅली के कुंडली निकाली तो हत्याकांड के 15 दिनों के अंदर उसकी कई लोगों से बात हुई थी। जिसमें रमेश नाथ सपेरा’ से भी माही की बातें हुई थी। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल रमेश नाथ सपेरा को गिरफ्तार किया तो उसने सारे राज उगल दिये। अब पुलिस को चार और आरोपियों की तलाश थी। जिसमें मुख्य आरोपी और हत्याकांड की मास्टर माइंड माही, दीप कांडपाल, माही की नौकरानी उषा और उसका पति रामअवतार शामिल थे।
बचपन में प्रेमी से मिला धोखा तो देह व्यापार के धंधे में उतरी
आज आईजी भरणे ने पत्रकारवार्ता में बताया कि पुलिस की चार टीमें इन आरोपियों की तलाश में जुटी थी। दिल्ली, हरियाणा, नेपाल, बिहार व उत्तराखण्ड’ के कई जिलों में पुलिस टीमों को रवाना किया गया। पुलिस ने चारों आरोपियों पर 25-25 हजार का ईनाम रख दिया। वही आईजी नीलेश आनन्द भरणे ने 50 हजार रूपये’ के नकद ईनाम घोषणा की। उधर पुलिस की चार टीमें कई राज्यों की खाक छानने के बाद हर हाल में नागिन माही की तलाश में जुटी थी। इसी बीच पुलिस को लीड मिली की माही अपने प्रेमी के साथ किसी वकील से मिलने आनी वाली है। जिसके बाद पुलिस ने एएन झां इंटर कॉलेज के समीप रूद्रपुर से दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूला। हत्याकांड को लेकर माही ने पुलिस को पूरी कहानी बताई। माही उर्फ डॉली ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ प्रेमपुर लोस्ज्ञानी रहती थी वर्ष 2008 में बचपन के प्रेमी द्वारा धोखे दिये जाने से आहत होकर घर छोड़कर अलग रहने लगी। इस दौरान वह हल्द्वानी गलत धंधा करने वाली महिलाओं के सम्पर्क में आ गयी। उनके साथ उसने काम करना शुरू कर दिया। तभी वर्ष 2016 में दीप कांडपाल निवासी मोटाहल्दू से उसकी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद दीप कांडपाल उसका दोस्त बन गया और उसके घरेलू आदि कामों में मदद करने लगा। इस दौरान माही और दीप कांडपाल के शारीरिक संबंध भी बन गये। इसके बादाा वर्ष 2017 में माही ने अर्जुनपुर में प्लॉट खरीदकर अपना मकान बनाया गया। वर्ष 2020 में हल्द्वानी के किसी जानने वाले की मदद से उसकी मुलाकात गाड़ी खरीदने को लेकर अंकित से हुई। अब यही से अंकित उसकी जाल में फंस गया।
ग्राहकों के पास न जाने से धंधा बंद होने का डर
माही और अंकित की ऐसी दोस्ती हुई की वह उसके घर जाने लगा। जब दोस्ती आगे बढ़ी तो अंकित हर शनिवार माही के घर में ही रहने लगा और दोनों आपस में पार्टी करते और साथ में शराब भी पीते थे। माही से दोस्ती होने के बाद अंकित उसकी ओर खींचता गया और छोटी-छोटी बातों पर माही को टोकने लगा। माही के अन्य लोगों से बात करने व बाहर जाने पर रोक-टोक लगाने लगा। जिससे माही अपने ग्राहकों के पास नहीं जा पा रही थी। जो उसका आय का स्त्रोत था वह बन्द न हो जाय। इसकी चिंता माही को होने लगी। अंकित आये दिन माही के साथ शराब पीकर गाली-गलौच और मार पीट करने लगा दोनों के बीच कई बार झगड़े हुए एवं कई बार अंकित ने उसके घर में तोड़फोड़ भी की। इसी बीच अंकित की एक अन्य लड़की से दोस्ती की बात को लेकर भी माही उससे नाराज रहने लगी और अंकित के व्यवहार से उसे पता चल गया था कि वह उससे शादी नहीं करेगा। वह सिर्फ उसका इस्तेमाल कर रहा है, जिस कारण धीरे-धीरे माही के अन्दर अंकित से बदला लेने की भावना जागने लगी। अंकित के व्यवहार को लेकर उसका माही का पुराना प्रेमी दीप कांडपाल भी एतराज करने लगा। दीप कांडपाल ज्यादातर माही के घर में ही रहता था और उसके संबंध माही से नहीं बन पा रहे थे जिस कारण उसने भी अंकित को रास्ते से हटाने के लिए माही से बात की। अभी कहानी बाकी थी।
सपेरे से ली काल सर्प दोष की शिक्षा और बनाये संबंध
आगे कहानी में नया मोड़ तब आया जब पता चला कि माही अपने पारिवारिक समस्याओं के चलते पूजा-पाठ आदि विधि-विधानों विश्वास करने लगी। तभी उसका संपर्क किसी परिचित के माध्यम वर्ष 2022 में रमेश नाथ सपेरा से हुई। सपेरे के माध्यम से माही ने अपने घर में कालसर्प दोष की पूजा की। सपेरा पूजा के लिए जंगल से साँप पकड़कर लाया था और पूजा का विधान पूरा कर साँप को जंगल में छोड़ आया। इसके बाद माही ने सपेरा रमेश नाथ से छह महीने पहले काल सर्प दोष की दीक्षा ली। तबसे सपेरा का उसके घर आना-जाना शुरू हो गया। इस बीच माही ने सपेरे से भी शारीरिक संबंध बन गये। एक साल पहले आदर्श नर्सरी के पास रहने वाली उषा देवी को माही ने अपने घर पर काम करने के लिए रखा था जिस कारण उषा देवी व उसके पति रामअवतार का भी माही के घर आना-जाना हो गया। इधर अंकित जब भी उससे मारपीट करता तो माही रामअवतार की झोपड़ी में चली जाती थी और वही रूकती थी और कभी-कभी खाना खाने भी जाती थी। अब माही की दीपू कांडपाल, रमेश नाथ सपेरा, राम अवतार व उसकी पत्नी उषा देवी से गहरी घनिष्ठता हो गयी। ये सभी अंकित की हरकतों से परेशान होकर उसे निकाने लगाये की योजना बनाने लग गये। अब अंकित की शिकायतों को उजागर करने का सिलसिला शुरू हुआ।
सपेरे ने बताया अंकित को सांप से कटवा दो
24 जून को माही और दीपू काण्डपाल स्कूटी से अंकित के घर के पास पहुँचे उसके परिजनों से उसकी शिकायत करने की बात कहने लगी। इस दौरान अंकित उन दोनो को लेकर माही के घर पर आ गया। जहां इन लोगों के बीच कई बातें हुई। लेकिन इसके बावजूद अंकित का व्यवहार नहीं बदला कुछ दिन बाद अंकित फिर से माही के घर में घुसकर गाली-गलौच मारपीट करने लगा। तब माही व दीपू कांडपाल ने अंकित को रास्ते से हटाने की सहमति बनी। उस समय सपेरा रमेश नाथ व रामअवतार व उसकी बीबी उषा भी घर पर थी। सपेरे ने उनको सुझाव दिया कि अंकित को साँप से कटवा दो, जिससे कोई जिससे कोई शक नहीं करेगा। इस योजना पर सभी राजी हो गये। माही ने सपेरे से साँप लाने को कहा। इतनी बातें होने के बाद सपेरा सांप की तलाश में जुट गया। तभी 7 जुलाई को रमेश नाथ को पंचायतघर के पास एक ब्यूटी पार्लर की दुकान में एक साँप घुसने की बात पता चली और उसने मौके पर जाकर कोबरा प्रजाति के साँप को पकड़ कर अपने पास रख लिया। यह बात उसने माही को बताई की सांप पकड़ लिया है। अगले दिन यानी 8 जुलाई को अंकित का जन्मदिन था। उसी दिन इन लोगों ने अंकित की हत्या का प्लान तैयार किया। लेकिन उस रात उन्हें मौका नहीं मिल पाया तो अंकित बच गया।
हत्याकांड के बाद सपेरे संग स्कूटी में गई माही
इसके बाद माही, दीपू कांडपाल ने रमेश नाथ सपेरा, राम अवतार व उसकी पत्नी उषा देवी के साथ मिलकर योजना बनायी कि अंकित को घर बुलाकर साँप से कटवाने के बाद उसी की गाड़ी में डालकर कही ठिकाने लगा देंगे। 14 जुलाई को माही ने अंकित को कही चलकर पार्टी करने और बीयर पिलाने के लिये कहा। अंकित को इसकी भनक ही नहीं थी कि यह पार्टी उसकी अंतिम पार्टी साबित होगी। अंकित राजी हो गया फिर माही ने सभी लोगों को अपने घर पर बुलाया। सपेरा भी साँप लेकर माही के घर पर आ गया। रमेश नाथ सपेरा, राम अवतार व उसकी पत्नी उषा देवी घर के मन्दिर वाले कमरें में छिप गये। शाम करीब 6 बजे क अंकित, माही के घर पर पहुँचा, तब बारिश हो रही थी। अंकित के पीछे-पीछे दीपू कांडपाल भी माही की स्कूटी से आ गया। अंकित माही के बेड पर बैठा था, तभी माही ने उसे पानी में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी। इसी बीच दीपू कांडपाल ने अपने आप को सुखाने के लिये जो कम्बल पकड़ रखा था। उसकी आड़ में इन सब ने अंकित के ऊपर कम्बल डाल दिया और उसे पूरी तरह से दबा दिया जब अंकित के ऊपर नींद की गोली का असर होने लगा और वो काबू में आ गया। तभी माही ने सपेरे से साँप लाने के लिये कहा। वह साँप लाया माही ने अंकित की जीन्स ऊपर की और साँप से कटवाया। वह तड़पता राह। थोड़ी देर में जल्दीबाजी में पैर में देखा तो जिस पैर में साँप से कटवाया था उस पैर की बजाय दूसरे पैर को देखा तो वहां साँप के काटने का निशान नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने दोबारा दूसरे पैर पर साँप से कटवाया। सांप के काटने के थोड़ी देर में अंकित ठंडा पड़ गया। जिस पर दीपू ने कहा कि बॉडी को कुर्सी में बैठा दो जिससे गाड़ी में डालने में आसानी हो बॉडी अकड़ सकती है। इस बीच माही ने दिल्ली जाने के लिए टैक्सी बुक कर ली और टैक्सी चालक दिल्ली निवासी को अपनी लोकेशन भेजी। इसके बाद इन लोगों ने अंकित की लाश को उसकी गाड़ी की पिछली सीट में बैठाया और गाड़ी से दीपू कांडपाल व रामअवतार निकले। सपेरा माही को उसकी स्कूटी में बैठाकर राम अवतार की झोपड़ी में छोड़ने गया। इसके बाद वो भी स्कूटी से अंकित की गाड़ी के पीछे-पीछे भुजियाघाट चला गया। लेकिन वहां पहुंचकर उनका प्लान बदल गया। इन्होंने अंकित की गाड़ी को तीनपानी गौला बाईपास रोड पर स्टार्ट कर एसी ऑन कर छोड़ दी। फिर राम अवतार के घर के पास से ही टैक्सी से दिल्ली को निकल गये। गाजियाबाद पहुँचकर ये सभी लोग वापस बरेली आये, जहां से माही और दीपू काण्डपाल, राम अवतार के पीलीभीत स्थित गाँव चले गये और सपेरा बहेड़ी अपने घर चला गया। अगले दिन माही और दीपू काण्डपाल वापस दिल्ली गये और माही ने अपनी बहन के घर अपनी दोनों पालतू बिल्लियां छोड दी। 15 जुलाई से लुकाछिपी का खेल खेलने के बाद माही और दीपू अपने किसी परिचित के माध्यम से कोर्ट में सरेंडर करने के लिए वकील से मिलने आ रहे थे, इस बात की भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ’एएन0 झां इण्टर कॉलेज के समीप रूद्रपुर’ में इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम कोतवाल हरेन्द्र चौधरी, एसआई विजय मेहता, दारोगा महेन्द्र प्रसाद, चौकी प्रभारी मंगलपडाव जगदीप नेगी, दारोगा कुमकुम धानिक कोतवाली, मंडी प्रभारी चौकी गुलाब सिहं कम्बोज, इसरार नबी, घनश्याम रौतेला, चन्दन नेगी,अरुण राठौर, वंशीधर जोशी, छाया के अलावा एसओजी टीम एसओजी प्रभारी राजवीर सिंह नेगी, कुन्दन कठायत, त्रिलोक रौतेला, दिनेश नगरकोटी, अनिल गिरी, भानुप्रताप, अशोक रावत शामिल रहे। पुलिस टीम को आईजी निलेश आनंद भरणे ने 50 हजार रूपये, एसएसपी ने 25 हजार रूपये और मृतक अंकित चौहान के परिजनों ने 50 हजार रूपये इनाम में दिये।