उत्तराखंड निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण में फेर बदल, 2 निगमो में ओबीसी आरक्षण लागू करने की सिफारिश। जल्द होगी अधिसूचना जारी।

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देहरादून। उत्तराखंड सभी निकायों का कार्यकाल समाप्त हुए लगभग 1वर्ष का समय हो चुका है और तब से प्रदेश में प्रशासक नियुक्त हैं जहाँ पहले 6 महीने के लिए प्रशासक नियुक्त किए गए थे और उसके बाद उनका कार्यकाल फिर 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था पर अब देर से ही सही उत्तराखंड में निकाय चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है। जिसके लिए प्रदेश के नगर निकायों में पहली बार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी का आरक्षण बदलने जा रहा है। इस रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार कर लिया है, जिसके हिसाब से प्रदेशभर में एक-दो दिन में आरक्षण की अंतिम अधिसूचनाएं जारी होंगी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के 11 नगर निगमों में से मेयर के दो पद ओबीसी करने की सिफारिश की है। बाकी आठ पद अनारक्षित, एक पद अनुसूचित जाति का होगा। नगर पालिकाओं में चेयरमैन के 45 में से 13 पद ओबीसी के होंगे। बाकी 25 पद अनारक्षित, छह पद अनुसूचित जाति और एक पद अनुसूचित जनजाति का होगा। नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 46 में से 16 पदों परओबीसी प्रत्याशी होंगे। 23 पद अनारक्षित होंगे। छह पदों पर अनुसूचित जाति और एक पद पर अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी होंगे। नगर निगम काशीपुर में ओबीसी के सबसे ज्यादा वार्ड हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, नगर निगम काशीपुर में ओबीसी की की सर्वाधिक 38.62 प्रतिशत आबादी को देखते हुए यहां 40 में से 15 वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे। नगर निगम रुड़की में ओबीसी की आबादी 36.20 प्रतिशत देखते हुए यहां 40 में से 14 वार्ड ओबीसी के होंगे। नगर निगम हरिद्वार में ओबीसी की आबादी 20.90 को देखते हुए यहां 60 में से 13 वार्ड ओबीसी के होंगे। बाकी नगर निगम देहरादून में ओबीसी के 12, नगर निगम ऋषिकेश में चार, कोटद्वार में तीन, श्रीनगर में दो, रुद्रपुर में आठ, हल्द्वानी में 11, अल्मोड़ा में तीन और पिथौरागढ़ में दो वार्ड ओबीसी आरक्षित होंगे।


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