पोस्टमार्टम 🔴 : शाम होते ही मस्त रहने वाले पूर्व कोंग्रेसी पार्षद की पत्नी अब बीजेपी के टिकट पर जनता के बीच। पर जनता हमेशा त्रस्त।

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रुद्रपुर का वार्ड न. 31 हालांकि कभी शहर का दिल हुआ करता था पर 2 साल पहले हुए जल भराव नें इस दिल को कीचड़ और पानी से भर दिया था। और वार्ड के तत्कालीन कांग्रेस के पार्षद का दिल शाम होते ही ते दिल मांगे मोर की तर्ज पर किसी दूसरी ही दुनियाँ में खो जाता है। और जनता को दोपहर 4 बजे के बाद अपने पार्षद के दीदार ही दुर्लभ हो जाते हैं।

बता दें कि वार्ड न. 31 जो काफी महत्वपूर्ण वार्ड है और शहर का एक प्रभुत्व वर्ग इस वार्ड में रहता है और यहाँ के पार्षद जिनकी माँ और वो खुद कांग्रेस से पार्षद रहे पर अब इन्हीं पार्षद नें मौके की नजाकत देखते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का दामन थाम लिया। क्योंकि किसी का भला हो ना हो पार्षद महोदय का भला जरूर होना चाहिए इसीलिए अब तीसरी बार पार्षद की पत्नी बीजेपी से टिकट लेकर चुनाव मैंदान में हैं।

शराब का ठेका खुलवाने में भी आए थे चर्चाओं में।

वार्ड न. 31 के पार्षद हाल ही में वार्ड के भूरारानी रोड पर ख़ुशी एन्क्लेव के बाहर शराब के ठेके  को खुलवाने में भी चर्चाओं में रहे थे। और उस शराब के ठेके का विरोध वहाँ की जनता नें पुरजोर तरीके से किया और उसी विरोध के चलते मौजूदा विधायक शिव अरोरा नें भी मुख्य रिहायशी इलाके में खुले इस शराब के ठेके को बंद करवाया। तब भी जनता द्वारा वहाँ के वार्ड पार्षद पर शराब के ठेके मालिक से शराब की बोतले लेकर कोई विरोध ना करने के आरोप भी अपने पार्षद पर लगाए थे और इसीलिए तत्कालीन पार्षद जनता के विरोध में शामिल नहीं हुए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह वार्ड न. 31 के पार्षद अपने स्वार्थ के लिए जनता की भावनाओं से खेलते नजर आए थे।

पर अब फिर एक बार पार्षद महोदय वार्ड की जनता को त्रस्त करने के लिए बीजेपी के टिकट से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार चुके हैं.

सड़को और नालियों का हाल खस्त पर पार्षद मस्त।

वहीं वार्ड न. 31 में सड़को का हाल इतना खस्त है कि जनता त्रस्त है जबकि निवर्तमान पार्षद का परिवार पिछले 2 बार से वार्ड पर काबिज है। जनता भी अब आरोप लगाने लगी है कि पार्षद मस्त और जनता त्रस्त। और नालियों में गन्दगी के अम्बार लगे हुए हैं जिसके चलते हर मानसून में वार्ड के ज्यादातर रास्तो और गलियों में जलभाराव की स्थिति बनी हुई है। कई रोड तो पिछले कई सालों से टूटी पड़ी हैं पर आज भी पार्षद जनता के बीच उन्हीं टूटी सड़को से होकर वोट मांगने भी जा रहे हैं।

वहीं पार्षद ज्यादातर समय विवादों में ही रहते हैं अब देखना होगा कि वार्ड कि जनता कितना उनके वादों पर पुनः विश्वास करती है। हालांकि जनता के बीच काफी अंदरखाते विरोध भी देखने को मिल रहा है।


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