जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स पर पीटी उषा ने लगाया देश की छवि खराब करने का आरोप

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दिल्ली: बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट… इन नामों को अब से पहले जब भी आपने कहीं सुना होगा, जहन में खुद एक तस्वीर बन जाती होगी. वही बजरंग, वही साक्षी मलिक… जिसने ओलंपिक में पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था. इनकी फोटो सर्च करेंगे तो सबसे पहले तस्वीर भी वही सामने आएगी, जिसमें उनके हाथ में जीता हुआ मेडल और तिरंगा है, लेकिन बीते कुछ दिनों से हालात बदल गए हैं.

इन खिलाड़ियों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. इनकी मांग है कि उनको गिरफ्तार किया जाए. इस मांग के साथ रेसलर्स जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच इन ओलंपिक पदक विजेताओं पर दुनिया के सामने देश की छवि खराब करने का आरोप लग गया है.

पीटी उषा ने लगाया देश की छवि खराब करने का आरोप
खिलाड़ियों पर यह आरोप भी किसी मामूली शख्स ने नहीं बल्कि पीटी उषा ने लगाया है. वह खुद महान एथिलीट रही हैं और फिलहाल इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष हैं. भारत की तरफ से 400 मीटर हर्डल रेस में वह चार बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. दो बार (1984, 1988) उनको चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा. दोनों ही बार मामूली अंतर से वह कांस्य पदक जीतने से रह गईं थी, लेकिन उनके इस संघर्ष की बदौलत वह कइयों की रोल मॉडल बनीं.

अब जिनपर देश को बदनाम करने का आरोप लगा है, उनके बारे में भी थोड़ा जान लीजिए. पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक खुद ओलंपिक पदक विजेता हैं. पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में रेसलिंग (65kg रेसलिंग) में कांस्य पदक जीता था. वहीं साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में रेसलिंग में (58kg रेसलिंग) में कांस्य पदक जीता था. वहीं विनेश फोगाट भी 2020 ओलंपिक में भारतीय दल का हिस्सा थीं. हालांकि, क्वॉर्टर फाइनल में उनको हार का सामना करना पड़ा था.

प्रदर्शन के दौरान कसरत करते बजरंग पूनिया
देश को बदनाम करने के आरोप कितने सही हैं और कितने गलत इसका फैसला फिलहाल हम कोर्ट पर छोड़ते हैं. लेकिन इस बीच यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि जब दो ओलंपिक पदक विजेता सड़क पर धरना दे रहे हैं, तो ऐसे वक्त में बाकी ओलंपिक पदक विजेता किस तरफ हैं.

भारत ने ओलंपिक में जीते हैं 35 मेडल
सबसे पहले जान लीजिए कि भारत ने अबतक ओलंपिक में कुल 35 पदक जीते हैं. इसमें से 12 पदक हॉकी की टीम ने जीते हैं. बाकी 23 पदक अलग-अलग खिलाड़ियों ने जीते हैं.

सबसे पहले बात उन खिलाड़ियों की जो जंतर-मंतर पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में हैं. इसमें सबसे पहला और बड़ा नाम अभिनव बिंद्रा का है. बिंद्रा ही देश के लिए इंडिविजुअल गोल्ड लाने वाले पहले खिलाड़ी हैं. इससे पहले भारत ने ओलंपिक में 8 बार गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन वे सभी हॉकी की टीम ने जीते थे. मतलब बिंद्रा अकेले अपने दम पर गोल्ड जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं.

धरना दे रहे खिलाड़ियों के समर्थन में उन्होंने लिखा था, ‘एथलीट के तौर पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हम लोग कड़ी मेहनत करते हैं. यह चिंता की बात है कि भारतीय कुश्ती प्रशासन में शोषण के आरोपों पर हमारे खिलाड़ियों को सड़क पर उतरकर धरना देना पड़ रहा है.’ उन्होंने आगे कहा कि खिलाड़ियों की बातों पर ध्यान में रखते हुए मामले की सही और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.

इसके अलावा बॉक्सर विजेन्द्र सिंह जो कि अब कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं, उन्होंने तो जंतर-मंतर जाकर खिलाड़ियों से बात की और उनका सपोर्ट किया. विजेन्द्र 2008 ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके हैं. उनके अलावा ओलंपिक में 13 साल बाद भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने भी रेसलर्स का समर्थन कर दिया है.

रेसलर्स के समर्थन वाले ओलंपिक पदक विजेताओं की बात तो हो गई. अब बाकी ओलंपिक पदक विजेताओं की बात भी कर लेते हैं. इसमें सबसे पहला नाम है राज्यवर्धन सिंह राठौर का. उन्होंने 2004 ओलंपिक में शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था. वह फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा हैं और खेल मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि, इस मामले पर वह अब तक चुप हैं.

 

दो ओलंपिक पदक विजेता IOA का हिस्सा
भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले दो खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो IOA का हिस्सा हैं. जैसे गगन नारंग (शूटिंग में कांस्य पदक जीतने वाले) कमेटी के उपाध्यक्ष हैं. वहीं योगेश्वर दत्त भी इसका हिस्सा हैं. गगन नारंग जहां इस मामले पर चुप हैं. वहीं योगेश्वर दत्त रेसलर्स के उन आरोपों को गलत बता रहे हैं जो जांच कमेटी पर लगाए जा रहे हैं.

कमेटी का हिस्सा थीं बबीता फोगाट, बाद में हुआ विवाद
बता दें कि बृजभूषण पर लगे आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 5 सदस्य जांच कमिटी बनाई थी. इसमें दो ओलंपिक पदक विजेता शामिल थे. इसमें पहला नाम मैरी कॉम का है. उनकी अध्यक्षता में कमेटी ने आरोपों की जांच की थी. कॉम ने 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. इसके अलावा योगेश्वर दत्त कमेटी का हिस्सा थे. उन्होंने 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.

इस जांच कमेटी की रिपोर्ट की वजह से बहनों के रिश्ते में भी दरार आई. दरअसल, जांच कमेटी में बाद में रेसलर्स बबीता फोगाट को भी जोड़ा गया था. ये कमेटी की छठी सदस्य थीं.

जांच कमेटी की रिपोर्ट को लेकर पहलवानों का आरोप है कि उसमें बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि रिपोर्ट अभी खेल मंत्रालय में है, जिसे अबतक सार्वजनिक हो जाना चाहिए था. इतना ही नहीं प्रदर्शन कर रहीं विनेश फोगाट ने अपनी बहन बबीता फोगाट पर आरोप लगाया कि बबीता को पहलवानों से ज्यादा अपने राजनीतिक करियर की चिंता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने यह तक कह दिया कि बबीता ने अपने निजी हितों की वजह से पहलवानों को धोखा दे दिया.

दूसरी तरफ बबीता ने दावा किया था कि उनको रिपोर्ट की कुछ बातों पर आपत्ति थी, लेकिन उनको रिपोर्ट पूरी पढ़ने नहीं दी गई और उसे हाथ से छीन लिया गया. रिपोर्ट छीनने का आरोप उन्होंने कमेटी की ही सदस्य राधिका श्रीमन पर लगाया था. दूसरी तरफ राधिका और फिर योगेश्वर ने भी बबीता के आरोपों को नकार दिया था.

अब आगे क्या होगा?
फिलहाल यह मामला कितना लंबा खिंचेगा यह साफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में पुलिस ने साफ कर दिया है कि बृजभूषण पर FIR दर्ज होने वाली है, लेकिन अब खिलाड़ियों का कहना है कि जबतक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होगी, धरना जारी रहेगा. क्या ऐसे में कुछ और ओलंपिक मेडलिस्ट भी खिलाड़ियों के समर्थन में आएंगे? यह आने वाले वक्त में साफ हो जाएगा. क्योंकि लिएंडर पेस, कर्णम मल्लेश्वरी, सुशील कुमार (जेल में बंद), साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, मीराबाई चानू और लवलीना बोर्गोहेन समेत कई ओलंपिक पदक विजेताओं का इसपर कोई रिएक्शन अबतक नहीं आया है.


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