रामनवमी पर हुई हिंसा पर भाजपा ने बोला ममता पर हमला, की इस्तीफे की मांग

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पश्चिम बंगाल: रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा और हुगली में हुई हिंसक घटनाओं पर खूब राजनीति हो रही है। एक तरफ जहां हिंसा को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी द्वारा ममता बनर्जी सरकार पर लगातार राजनीतिक हमले किए जा रहे हैं।वहीं, ममता बनर्जी का कहना है कि रामनवमी के अवसर पर निकले जुलूस में भाजपा के कई नेता अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल थे। वहीं, ममता बनर्जी ने कहा कि शोभायात्रा को मुस्लिम बहुल इलाके से दूर रखना चाहिए था।

लॉकेट चटर्जी ने ममता सरकार पर साधा निशाना
शोभायात्रा पर हुए पथराव और हिंसा को लेकर बीजेपी के नेता लगतारा ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सोमवार को भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के दौरान कैसे हिंसा हुई। उस दिन ममता बनर्जी धरना मंच पर थीं और उन्होंने सभी मीडिया का ध्यान हटा दिया, जबकि मुसलमानों ने हिंदुओं पर हमला किया।”

उन्होंने आगे कहा कि वह तुष्टिकरण की राजनीति कर रहीं हैं क्योंकि पंचायत चुनाव, और लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और वह मुस्लिम वोटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।

हिंसा को लेकर ममता बनर्जी बोल रहीं हैं झूठ: लॉकेट चटर्जी
बता दें कि लॉकेट चटर्जी ने हिंसक घटनाओं पर एनआईए जांच की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि “ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस (मामले) को ठीक से देखे। हम एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं।”पार्टी मुख्यालय में चटर्जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पश्चिम बंगाल के दो अन्य बीजेपी सांसद देबाश्री चौधरी और खगेन मुर्मू उनके साथ मौजूद थे।

पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में: लॉकेट चटर्जी
उन्होंने कहा, “यह मुस्लिम वोटों को मजबूत करने और मुसलमानों को खुश करने के लिए ममता बनर्जी की पूर्व नियोजित साजिश का नतीजा है।” बीजेप ने टीएमसी पर “तुष्टिकरण की राजनीति” करने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि “पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में हैं”। चटर्जी ने आगे कहा,”हम यह भी चाहते हैं कि ममता (बनर्जी) पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दें।”

हिंसा मामले पर कोर्च दे दखल: शुभेंदु अधिकारी
बंगाल हिंसा मे घायल लोगों से मिलने के लिए सोमवार को शुभेंदु अधिकारी ने हुगली के पुरसुराह से पार्टी विधायक बिमान घोष से हुगली के रिलाइफ अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, मैंने अनुमति पत्र ट्वीट किया। टीएमसी झूठ बोल रही है। ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है। इस मामले पर कोर्ट को दखल देना चाहिए और एनआईए जांच होनी चाहिए।

अधिकारी ने आगे कहा कि धारा 144 सीआरपीसी शांति बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि पत्रकारों और बीजेपी नेताओं को रोकने के लिए लगाई गई है।

 

 

शुभेंदु अधिकारी ने एनआईए जांच की मांग
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी हिंसा की एनआईए जांच की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया कि हिंसा के दौरान बम फेंके गए। उन्होंने इलाके में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है।

 


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