अब इनके साहब ही करेंगे इनको सलाम, हौसलों कि उड़ान की एक प्रेरणादायक कहानी।

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UPSC ने 23 मई को UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजे जारी किए। पूरे देश में IAS, IPS, IFS और अन्य अधिकारी बनने के लिए कुल 933 उम्मीदवारों ने UPSC CSE परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इनमें से एक राम भजन कुमार भी थे, जो दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं। राम भजन कुमार ने 8वीं बार में UPSC की परीक्षा पास की है। कल तक जो राम भजन अपने ऑफिस में अपने सीनियर्स को सलाम ठोकते थे उनको अब वही सीनियर्स उल्टा सलाम करेंगे। इसे कहते है किस्मत का पलटना ।
दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने 8वें प्रयास में 667 रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास कर ली है। यह उनका 8वां प्रयास था। इतना ही नहीं, वह अपनी रैंक सुधारने के लिए 28 मई 2023 को होने वाली UPSC की प्रीलिम्स परीक्षा में फिर से शामिल होने जा रहे है।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने किया राम भजन को प्रेरित

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने विभाग के किसी व्यक्ति से प्रेरित थे? राम भजन कुमार ने कहा, “हां फिरोज आलम से मैं प्रेरित हूं, जो दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बन गए।”

उन्होंने कहा, “आलम सर के रैंक हासिल करने के बाद, मुझे कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने मेरे और अन्य कई यूपीएससी उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने, और प्रेरित करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया। वह आज तक एक हमें सपोर्ट करते हैं।”

रोजाना 6 घंटे और परीक्षा से एक महीने पहले 16 घंटे करते थे पढ़ाई

राम भजन कुमार रोजाना कम से कम छह घंटे की पढ़ाई करते थे। वह दिल्ली के मुखर्जी नगर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किताबे और अन्य सामान खरीदते थे। राम भजन एक महीने की छुट्टी के लिए आवेदन करते थे और परीक्षा की तारीख नजदीक आने पर रोजाना लगभग 16 घंटे तैयारी करते थे।

राम भजन अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी हमेशा सहयोगी रही हैं और उनके परिवार ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया है।

‘मेरे पिता की सारी जिंदगी मजदूरी करते कटी… राम भजन ने कहा, “मेरे पिता ने अपना आधा से ज्यादा जीवन एक मजदूर के रूप में काम करते हुए बिताया। उन्होंने मुझे स्कूल और कॉलेज भेजने के लिए बहुत मेहनत की। उनकी पूरी जिंदगी, रोजमरा की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते बीती है। जब मैं पुलिस में शामिल हुआ, तो मुझे पता था कि मैं दूसरों और खुद के लिए मैं स्थिति बदल सकता हूं।”


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