अतिक्रमण ब्रेकिंग🔴: हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हुआ बबाल, पुलिस और छात्र नेता में धक्का मुक्की

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हल्द्वानी। सुभाष नगर में अतिक्रमण हटाने पर तीन घंटे जमकर हंगामा हुआ। विधायक सुमित हृदयेश समर्थकों के साथ इसके विरोध में उतर आए। सिटी मजिस्ट्रेट से लेकर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस बीच जमकर धक्का-मुक्की और नोकझोंक हुई। आखिर निगम की टीम अतिक्रमण तोड़कर लौटी।

सुभाषनगर इलाके में धार्मिक स्थल के पास बनी दुकान और दो कमरों के मकान में करीब 70 साल से जहीर बख्श और उनका परिवार रह रहा था। वह कपड़ों पर प्रेस करने का काम करते हैं। जहीर ने बताया कि करीब 70 वर्ष पहले उनके पिता नूर बख्श ने एक महिला से मकान खरीदा था। चार अक्तूबर को उन्हें नगर निगम का नोटिस मिला। नोटिस में नजूल की भूमि पर बनी सड़क के हिस्से पर कब्जा कर भवन बनाकर रहने की बात कही गई थी। तीन दिन में भवन खाली करने की मोहलत दी गई थी। शनिवार दोपहर तीन बजे सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट जेसीबी और नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंच गई तो परिवार वालों ने इसका विरोध किया। सूचना मिलते ही हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया। एक घंटे से चल रहे विरोध को देखते हुए सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने इसकी सूचना नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय और सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को दी। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट के साथ ही एसपी सिटी हरबंस सिंह भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने विधायक सुमित हृदयेश और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। अतिक्रमण का विरोध करने के दौरान मंडी समिति के एक सदस्य और एक छात्र नेता के बीच बहस होने लगी। सीओ ने इस पर छात्र नेता को डांट दिया। इसी बात को लेकर दोनों में जमकर बहस हो गई जो धक्कामुक्की तक पहुंच गई। तो पुलिस ने छात्र नेता की शर्ट पकड़कर खींचा। जिससे मामला और गरमा गया।

विधायक सुमित हृदयेश के बीच बचाव के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। एक बार तो नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। इस बीच आसपास की दुकानें बंद हो गईं। हंगामा बढ़ने के तीन घंटे बाद नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय मौके पर पहुंचे। उन्होंने विधायक को समझाया। बताया कि कोर्ट से स्टे खारिज हो चुका है। इसके बाद विधायक वहां से चले गए। उम्मीद खत्म होने के बाद परिवार ने घर से सामान निकाला। इसके बाद निगम द्वारा अतिक्रमण को हटाया गया।

विधायक सुमित हृदयेश ने जब निगम की ओर से भेजा गया नोटिस पढ़ा तो उस पर आपत्ति जताई। विधायक का कहना था कि जो मकान तोड़ा गया है उसे निगम नजूल की भूमि पर बनी सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण बता रहा है। विधायक ने कहा कि 60 फीट की सड़क अब मात्र 30 फीट की रह गई है। इसका मतलब सैकड़ों लोगों ने सड़क पर अतिक्रमण किया हुआ है। इसके बाद केवल एक ही मकान तोड़ा जाना किसी राजनीतिक दबाव की ओर इशारा कर रहा है। उन्होंने निगम के अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया।


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