बड़ी खबर : समान नागरिक संहिता (UCC) का ड्राफ्ट बन कर हो गया तैयार, जल्द होगा लागू, मुख्यमंत्री धामी ने बताया बड़ी उपलब्धि!

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। जिसे जल्‍द ही उत्तराखंड सरकार को सौंपा जाएगा। यह जानकारी जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) ने आज शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान दी। जिसके बाद उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार होने पर सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘ प्रदेशवासियों से किए गए वादे के अनुरूप आज 30 जून को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। जल्द ही देवभूमि उत्तराखण्ड में #UniformCivilCode लागू किया जाएगा।

विदित है , उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को विनियमित करने वाले विभिन्न मौजूदा कानूनों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस संबंध में अधिसूचना 27 मई 2022 को जारी की गई थी और संदर्भ की शर्तें 10,जून 2022 तारीख को अधिसूचित की गई थीं.

समिति की पहली बैठक 4 जुलाई 2022 को इसी हॉल में हुई थी। तब से समिति की 63 बार बैठक हो चुकी है। लिखित प्रस्तुतियाँ आमंत्रित करने के साथ-साथ सार्वजनिक संवाद कार्यक्रम आयोजित करके जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप-समिति का गठन किया गया था।

उप-समिति ने अपने सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत सीमावर्ती आदिवासी गांव माणा से की और राज्य के सभी जिलों को कवर करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया, जिसका समापन 14 जून 2023 को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा में हुआ, जिसमें वहां रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों की भागीदारी थी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र उप-समिति की देहरादून तथा अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं।


समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की। भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष ने विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ बातचीत के लिए अनुरोध किया था। यह बातचीत 2 जून 2023 को आयोजित की गई थी, जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

समिति ने परिश्रमपूर्वक सभी प्रकार की राय को ध्यान में रखा है और चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे सहित विभिन्न क़ानूनों और असंहिताबद्ध कानूनों पर गौर किया है। इसके अलावा समिति ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं की बारीकियों को समझने की कोशिश की है।

मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो चुका है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ड्राफ्ट कोड के साथ जल्द ही मुद्रित कर उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी।


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