सवालों के घेरे में मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाले, बीबीसी के खिलाफ आयकर विभाग को मिला बड़ा सबूत

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने बीते दिनों बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में सर्वे किया था। हालांकि विभाग की उक्त कार्रवाई को पहले रेड बताया गया था, लेकिन बाद में विभाग ने बयान जारी कर पूरी स्थिति स्पष्ट कर कहा कि ये छापेमारी नहीं, बल्कि सर्वे है। बता दें कि आयकर विभाग ने यह कार्रवाई टैक्स प्रोफाइलिंग के मामले में की थी। अब टैक्स प्रोफाइलिंग क्या होता है। यह भी जान लीजिए तो आयकर शब्दाबली में टैक्स प्रोफाइलिंग उस परिस्थिति को कहते हैं कि जब मौद्रिक रूप में लेन-देन नहीं होता है, लेकिन बही खातों में दिखाया जाता है कि पैसों का लेन-देन हुआ है। इस स्थिति को आयकर शब्दाबली में टैक्स प्रोफाइलिंग कहते हैं। वहीं, अब आयकर विभाग को कार्रवाई के दौरान बीबीसी के खिलाफ बड़ा सबूत हाथ लगा है। हम इसके बारे में भी आपको विस्तार से सबकुछ बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि विभाग की इस कार्रवाई के बाद सियासी ताप अपने चरम पर पहुंच चुका था। आइए, इसके बारे में जानते हैं।

सियासी मोर्चे पर राजनीति तेज
बता दें कि बीबीसी के खिलाफ आयकर विभाग की उक्त कार्रवाई को जहां कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का प्रतिशोध करार दिया, तो वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस की खुन्नस कहा। ध्यान रहे कि बीते दिनों बीसीसी ने गुजरात दंगों पर आधारित इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट गुजरात दंगे मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे चुकी है, मगर इसके बावजूद भी इस डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। हालांकि, केंद्र के प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद भी देशभर के विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा जबरन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया का नाम प्रमुखता से आया था। इसी बीच बीबीसी कार्यालयों में हुई आयकर विभाग की छापेमारी को मुख्तलिफ चश्मों से देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उधर, अब इस पूरे मामले में आयकर विभाग को बीबीसी के खिलाफ बड़ा सबूत मिला है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

आयकर विभाग का दावा
अब इस पूरे मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, आयकर विभाग ने अब तक हुई अपनी कार्रवाई के आधार पर दावा किया है कि बीबीसी ने इंडिया में लगातार 2 साल तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। साथ ही, उनके ट्रांसफर प्राइसिंग में भी कई खामियां हो सकती हैं। बीबीसी यूके, बीबीसी इंडिया को केवल 9% राजस्व देता है, हालांकि उत्पादन के लिए सभी खर्च भारत द्वारा वहन किए जाते हैं। हालांकि, बीबीसी ने आयकर विभाग के साथ एमएपी का अनुबंध भी किया था, लेकिन इसके बावजूद बीबीसी ने इंडिया में कोई टैक्स फाइलिंग नहीं की थी।

खबर के बारे में विस्तृत जानकारी हेतु देखिए ये वीडियो

बीबीसी के खिलाफ बड़ा सबूत
इसके साथ ही बीबीसी के खिलाफ ट्रासफिंग फाइलिंग का मामला भी बनता है। पहले आप यह जान लीजिए कि बीबीसी यूके की होल्डिंग कंपनी है, जिसकी भारत में शाखाएं हैं। बता दें कि संस्थान के विज्ञापन, आगाम और कर से संबंधित सभी नीतिगत निर्णय बीबीसी यूके द्वारा ही लिए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी बीबीसी इंडिया को सिर्फ 9 फीसद ही रिवेन्यू का हिस्सा देता है, जो कि अन्य कंपनियों की तुलना में काफी कम है। अब ऐसे में माना जा रहा है कि नॉन टैक्स फाइलिंग के मामले में भी आयकर विभाग बीबीसी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। बहरहाल, अब ऐसी स्थिति में आयकर विभाग की ओर से बीबीसी के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।


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