हल्द्वानी ::- जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने हल्द्वानी शहर में जलभराव की समस्या को गम्भीरता से लेते हुये विस्तृत कार्ययोजना बनाये जाने हेतु समिति का गठन किया है। समिति में नगर आयुक्त नगर निगम, नगर मजिस्ट्रेट, अधिशासी अभियंता जलसंस्थान, सिंचाई लोनिवि सदस्य है।
हल्द्वानी नगर के अन्तर्गत बरसात में जलभराव के कारण स्थिति गम्भीर हो जाती है तथा आमजनमानस का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि हल्द्वानी नगर में वर्षा के कारण जल भराव की स्थिति में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिस पर नियंत्रण हेतु गठित समिति द्वारा कार्य योजना तैयार की जायेगी।
नगर में वर्षा के दौरान 25 एम एम, 50 एमएम, 75 एमएम, 100 एमएम , 125 एमएम, 150 एमएम वर्षा होने पर इसके सापेक्ष नगर के कुल स्थलों में किस स्तर तक जलस्तर की स्थिति उत्पन्न होती है का आंकलन करने के निर्देश दिए है। साथ ही गत दिवसों में हुई बरसात के ओवरफ्लो का आकलन, वॉकवे मॉल, कल्सिया नाले-देवखड़ी नाले के मध्य कैचमैंट एरिया शहर के जलभराव आदि क्षेत्रों का आंकडों के अनुसार सर्वे कर कार्य योजना तैयार करना है।
जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को ऐसे नाले व नहरों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए जो पूर्व में गौला नदी में मिलते थे किंतु वर्तमान में अतिक्रमण के कारण अवरुद्ध हो गए है। उन सभी नालों को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं ।
वन क्षेत्र व अन्य स्थानों में स्थित बड़े प्राकृतिक नाले जिनमें वर्षा का कारण अत्यधिक पानी का बहाव होता है परन्तु शहर में आते ही संकरे हो जाते है जिसके कारण ओवरफ्लो होता है। इस ओवरफ्लो जल की निकासी हेतु आवश्यकता अनुसार नालियों का निर्माण करना व बड़े नदी व नालों से जोड़ना।
विदित है कि इस सम्बन्ध में समस्या के निदान के लिए मुख्यमंत्री घोषणा के अंर्तगत काठगोदाम वॉक-वे मॉल के निकट नाले के चौड़ीकरण एवं निकासी के सम्बन्ध में भी कार्यवाही की जा रही है किन्तु वह सम्पूर्ण हल्द्वानी के लिए पर्याप्त नहीं है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी को विभिन्न बैठकों का माध्यम से सुझाव प्राप्त हुए थे कि हल्द्वानी क्षेत्रान्तर्गत वर्षा जल जो सड़कों पर बह रहा है, को छोटी छोटी नाली का निर्माण कर नालियों के माध्यम से गौला नदी में जोड़ दिया जाए। इससे नगर में जलभराव की स्थिति को कम किया जा सकता है।