हेल्थ टिप्स : कई बीमारियों को दूर करना है तो सुबह-सुबह नंगे पैर घास पर चलने से मिलेंगे कई फायदे

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हेल्थ टिप्स ::- आज के दौर में बिगड़ती हुई लाइफस्टाइल से लोगों को कई तरह के शारीरिक व मानसिकत परेशानी से गुजरना पड़ता है और इंसान खुद को प्रकृति से दूर करता जा रहा है। पहले घास पर नंगे पांव टहलने का चलन काफी ज्यादा था लेकिन अब ये ट्रेंड काफी कम हो गया है। नंगे पैर हरी घास पर चलते हैं तो आपके तलवे ज्यादा जोर से दबने की वजह से आपके कई अंग नियंत्रित हो जाते हैं क्योकि ग्रीन ग्रास मे घाव को ठीक करने की ताकत होती है।

दिनभर पैर जूते या चप्पलों से पैक रखते हैं ऐसे में नंगे पैर खुली हवा में रहने से पैरों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है, रक्त संचार बेहतर होता है जि‍ससे उनकी थकान या दर्द खत्म हो जाता है।

आंखो की रोशनी बढाने – हमारे पैर पर दबाव का एक बिंदू होता है जिसका कनेक्शन आपकी आंखों के नर्वस सिस्टम से जुड़ा होता है हरी घास पर नंगे पैर की चहलकदमी इस प्रेशर प्वाइंट को एक्साइट करता है। जिसकी वजह से आंखो की रोशनी बेहतर हो सकती है।

एक्सरसाईज- नंगे पैर पैदल चलते वक्त पंजों का निचला भाग सीधे धरती के संपर्क में आता है जिससे एक्युप्रेशर के जरिए सभी भागों की एक्सरसाईज होती है और कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है।

एलर्जी का इलाज- ग्रीन थेरेपी का मुख्य अंग है हरी-भरी घास पर नंगे पैर चलना या बैठना। सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर चलना बहुत बेहतर माना जाता है। पांवों के नीचे की कोमल कोशिकाओं से जुड़ी तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क तक राहत पहुंचाता है।

अनिद्रा दूर – नियमित कुछ देर नंगे पैर चलने से नींद अच्छी आती है। गावों के अनुभवी बुजुर्ग आज भी अनिद्रा की बीमारी में खुले पैर चलने की सलाह देते हैं।

सूजन में कमी- घास पर नंगे पैर चलने से अंगों के कामकाज को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। एक रिफ्लेक्सोलॉजी के कारण है दूसरा सुबह की धूप में नहा रहे हैं और विटामिन डी प्राप्त कर रहे हैं। जो अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है।


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