
बता दें की 3जून को हल्द्वानी कोतवाली में एक दम्पति जोड़ा कुमाऊ के एक ज्वेलर्स पर 50 लाख देने व धमकाने के आरोप लगाते हुए पहुँचा और मामला हाईप्रोफाइल बिजनेसमैन से जुड़ा होने के चलते तेजी से सुर्खियों में भी आ गया। पूरे कुमाऊ में आग की लपटो की तरह दम्पति की पुकार फैल गई। पहली नज़र में सभी को ये शहर के नामी ज्वेलर्स द्वारा उस दम्पति का उत्पीड़न ही नज़र आने लगा पर देर शाम तक हुई पुलिस की जाँच के बाद वादी दम्पति खुद अपने धोखाधड़ी का कबूलनामा भी दे आए और वहीं ज्वेलर्स को सोने की वापसी की जमानती भी लिखित दे आए. और इस कबूलनामे और समझौते नामे नें पूरे प्रकरण का सच सामने ला दिया।

क्या है पूरा मामला।
बता दें मंगलवार को हल्द्वानी में एक युवक आयुष रस्तोगी अपनी पत्नी के साथ हल्द्वानी कोतवाली पहुँचा और कुमाऊ के एक बड़े सोने के व्यापारी स्वर्णिका ज्वेलर्स के GM और मालिक नागेंद्र भट्ट पर 50 लाख देने अन्यथा जेल भेजनें के संगीन आरोप लगाने लगे। आयुष की पत्नी नें तो पूरी कहानी में शोरूम मालिक और GM पर उनके पूरे परिवार को धमकाने और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगा दिए। वहीं वादी आयुष नें मीडिया कर्मियों के कैमरे के आगे बताया कि वो अपने घर पर रहकर ही स्वर्णिका ज्वेलर्स के लिए गहनों की नक्काशी का काम करता है और उसका लेन देन वट्सअप के माध्यम से ही चलता है। आयुष नें कहा स्वर्णिका ज्वेलर्स उससे 50 लाख की मांग कर रहा है और ना देने पर पूरे परिवार को जेल भेजनें की धमकी दी जा रही है। आधे अधूरे और एक तरफा आरोप नें पूरे शहर और कुमाऊ में सनसनी फैला दी।
कबूलनामा और समझौता।
बता दें की वहीं अब इस मामले में तस्वीर साफ हुई है जब पुलिस की जाँच के बाद वादी आयुष और उसकी पत्नी तनिष्का रस्तोगी नें पुलिस थाने में 150 ग्राम सोने की ज्वेलर्स को अदायगी की बात स्वीकार की और इसके लिए 15 दिन का समय भी निश्चित किया गया।

दोनों पक्षो के बीच हुए समझौता नामा में वादी आयुष रस्तोगी और उनकी पत्नी दोनों जहाँ अपनी तहरीर को वापस लेने की बात लिखते हैं वहीं उनके द्वारा स्वर्णिका ज्वेलर्स को 150 ग्राम शुद्ध सोने की अदायगी अगले 15 दिन में करने की बात भी कबूल करते हैं। और उसके बाद उन दोनों के बीच हुए पूरे लेनदेन का समापन होने की बात भी स्वीकार की गई है।
इस समझौते नामे से जहाँ मीडिया में चली एकतरफा खबर नें वादी पक्ष को काफी प्रताड़ित दिखा दिया था वहीं पुलिस के सामने हुए समझौते और कबूलनामे नें इस प्रकरण की पूरी सच्चाई सबके सामने ही ला दी। जहाँ ये भी साफ हो गया कि वादी आयुष रस्तोगी के द्वारा लगाए गए आरोप कहीं ना कहीं झूठे थे. जबकि आयुष रस्तोगी जो कि घर पर रहकर ही स्वर्णिका ज्वेलर्स के गहनों की नक्काशी का काम करता था और 150 ग्राम सोने की वापसी से बचने के लिए शोरूम मालिक और स्टॉफ द्वारा तकाजा करने पर खुद उनके खिलाफ पुलिस में तहरीर भी देता है। पर पुलिस की जाँच नें इस झूठे आरोप के मामले का सच सामने लाकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।






