उत्तर प्रदेश के बरेली में एसटीएफ की लखनऊ टीम और सीबीगंज थाना पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यह गैंग उत्तराखंड के परिवहन विभाग में ट्रक और कारों के फर्जी कागज तैयार कराता था।
इसके बाद फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर फर्जी कागजों पर फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से लोन लिया जाता था. मगर, यह फर्जी कागज ऑनलाइन नहीं चढ़ाए जाते थे. यह खेल काफी समय से चल रहा था. बरेली पुलिस ने आरोपियों को कई वाहनों के साथ गिरफ्तार किया. इसके बाद छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
लखनऊ एसटीएफ के प्रभारी दिलीप कुमार तिवारी ने बताया कि गैंग के सदस्य ट्रक, बस और कारों के इंजन, चेसिस नंबर मिटाकर फर्जी नंबरों की पट्टी लगाते थे. इसके बाद उत्तराखंड का नदीम फर्जी कागज तैयार कर फाइनेंस कंपनियों के दलालों के माध्यम से फाइनेंस कराता था. यह खेल काफी समय से चल रहा था।
एसटीएफ और सीबीगंज थाना पुलिस ने इस मामले में सीबीगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव निवासी इम्तियाज अली, उसका भाई इकबाल हुसैन, मुरादाबाद के चंदौसी थाना क्षेत्र के जारीगेट निवासी मोहम्मद शमी, बरेली के भोजीपुरा थाना क्षेत्र के बेहरपुरा खजुरिया निवासी अजहर खान उर्फ चांद, शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के संसार एनक्लेव निवासी आफताब और बहेड़ी थाना क्षेत्र के मंडनपुर गांव निवासी मोहम्मद वसीम को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के पास से दो ट्रक, तीन कार, कूट रचित प्रपत्र, चेसिस और इंजन नंबर की एलमुनियम पट्टी, नंबर प्लेट आदि बरामद हुए हैं. एसटीएफ को आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह फर्जी तरीके से नये पंजीकरण नंबर इंजन, चेसिस नंबर तैयार कर फाइनेंस कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करके एक ही वाहन पर बार-बार फाइनेंस करा लेते थे।
ऐसे फर्जी चेसिस इंजन नंबर को फाइनेंस कंपनियों के ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं चढ़ाते थे. इसलिए फर्जीवाड़ा पकड़ में नहीं आता था. यह गैंग काफी समय से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा था. फाइनेंस कंपनियों के साथ करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया. पुलिस ने थाना सीबीगंज पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 411, 413 और 34 आईपीसी में एफआईआर दर्ज की गई।