ऊधमसिंह नगर ने फिर एक मामले में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और वो है आपराधिक घटनाएं। जहाँ एक तरफ जिले के कप्तान डॉ मंजुनाथ टीसी आए दिन अपराधिक घटनाओं को लेकर खुलासे करते हैं और केस को सुलझाने में वहीं उनकी सतर्क पुलिसिंग की कई बार तारीफ भी हो चुकी है पर उसके बावजूद भी जिले में अपराध का ग्राफ नई ऊंचाईया छू रहा है।
ऊधमसिंहनगर पुलिस के ही आंकड़े उन्हीं की पुलिसिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। आंकड़ों के हिसाब से ऊधमसिंहनगर कुमाऊं में अपराध और अपराधियों का गढ़ बना हुआ है। फिर वो हत्या हो, लूट या फिर डकैती। अन्य अपराधों में भी ऊधमसिंहनगर का ग्राफ अन्य जिलों की अपेक्षा में सबसे ऊंचा है। इस वर्ष जून माह तक पूरे कुमाऊं में 51 हत्याएं हुईं। इनमें आधे से ज्यादा हत्याएं सिर्फ ऊधमसिंनगर में हुईं हैं। अब ऐसा क्या है जो इन बढ़ती आपराधिक घटनाओं के लिए जिम्मेदार है, ये विचार करने का विषय है । या तो अपराधियों में पुलिस का भय कम हो गया है या फिर लोगों में मानसिक रूप से परिस्थितियों को बर्दास्त करने की क्षमता में कमी आई है। जिनके फ्लस्वरूप छोटी छोटी बातें भी कई बार बड़ी घटना और अपराध में तब्दील हो जाती है।
बता दें कि ऊधमसिंहनगर में 6 माह में 23 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। जबकि नैनीताल जिले में 8 लोगों की हत्या हो चुकी है। इस मामले में पिथौरागढ़, नैनीताल जिले से आगे हैं। सिर्फ हत्याएं ही नहीं, ऊधमसिंहनगर में अन्य तरह के अपराधों का ग्राफ भी ऊंचा है और ये ग्राफ गुजरे सालों की अपेक्षा वर्ष 2023 में कहीं ज्यादा है। वर्ष 2022 में यूडीएन में 31 हत्याएं हुईं थीं और इस वर्ष सिर्फ 6 माह में ही 23 हत्याएं हो चुकी हैं। अनुमान है कि ऐसे में वर्ष के अंत तक 2023 का यह ग्राफ 2022 के ग्राफ को पीछे छोड़ सकता है।
इस वर्ष ऊधमसिंहनगर में एक डकैती भी हुई, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 3 थी और वर्ष 2021 में ऊधमसिंहनगर में एक भी डकैती का मामला सामने नहीं आया। हालांकि नैनीताल में डकैती के मामले कम हो रहे हैं। वर्ष 2021 में यहां डकैती के 3 मामले आए थे और गुजरे दो सालों में 1-1 मामला सामने आया है। लूट के मामले भी ऊधमसिंहनगर में अब तक 20 दर्ज हो चुके हैं और पिछले साल यह संख्या 29 थी। इस लिहाज से नैनीताल में इस साल सिर्फ 6 लूटें हुईं। यानी हर माह एक लूट। लूट के मामले में नैनीताल में कमी नहीं आई है और वो इसलिए कि पिछले साल इसके 10 और उससे पहले 13 लूटें नैनीताल जिले में हुईं थी।
ऊधमसिंहनगर के साथ कंधे से कंधा मिला रहा नैनीताल
कुमाऊं में ऐसे दो ही जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा अपराधिक घटनाए हुई है। इसमें सबसे ऊपर ऊधमसिंहनगर और उससे पीछे नैनीताल है। हालांकि दोनों के आंकड़ों में काफी अंतर है और ये अंतर लगभग आधे का है और कुछ मामलों में तो आधे से भी आधे का अंतर है। वाहन चोरी की घटनाओं को देख लें तो इस साल ऊधमसिंहनगर में 176 मामले दर्ज किए गए। जबकि नैनीताल में 35, अल्मोड़ा में 0, पिथौरागढ़ में 2, बागेश्वर में 0 और चम्पावत में 3 मामले दर्ज हुए। और ये तब हैं जब वाहन चोरी की कई घटनाए तो दर्ज ही नहीं हो पाती फिर वो चाहे पीड़ित की तरफ से हो या फिर पुलिस की तरफ से।
पहाड़ी जिलों में पिथौरागढ़ सबसे आघे
पहाड़ी जिलों में पिथौरागढ़ इकलौता जिला है, जो अपराध के मामलों में ऊधम सिंह नगर को कड़ी टककर दे रहा है। जहां अपराध अन्य पहाड़ी जिलों की अपेक्षा सर्वाधिक है। इस साल जून तक पिथौरागढ़ में 10 हत्याएं हो चुकी हैं। जबकि वर्ष 2022 में 3 और 2021 में हत्या की सिर्फ 2 घटनाएं हुईं थीं। अच्छी बात यह है कि गुजरे 3 सालों में पिथौरागढ़ में एक भी डकैती नहीं हुई। हालांकि 2022 में लूट की 3 घटनाएं जरूर हुईं। इस जिले में वाहन चोरी, चोरी और बलवा का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है।
अपराध और अपराधियों की धर-पकड़ लिए सभी जिलों की लगातार समीक्षा की जाती है। काम न कर पाने वालों को दंडित भी किया जाता है। हाल में हुई बैठक में भी सभी जिलों का अपराध पर नकेल कसने की सख्त हिदायत दी गई है। अपराध के खिलाफ रेंज स्तर से भी टीमें लगातार काम कर रही हैं।
-डॉ. निलेश आनंद भरणे, आईजी कुमाऊं