लखनऊ/नैनीताल। महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण को लेकर गुरूवार को लखनऊ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा,तेलंगाना, लदाख, जम्मू- कश्मीर, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, केरल, अरुणांचल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, नागालैंड तथा महाराष्ट्र समेत कुल 18 राज्य शामिल हुए। जिसमें सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रथम तकनीकी सत्र में त्रिपुरा, तेलंगाना, लदाख व उत्तराखंड राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने बताया कि महिला सुरक्षा विषय पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव व उच्च न्यायालय उत्तराखंड स्तर पर समीक्षा करते हुए राज्य में महिला सुरक्षा को प्रभावी
बनाने की कार्यवाही की गई है। उत्तराखण्ड पुलिस के गौरा शक्ति एप की विस्तृत जानकारी देते हुए पंचायतों/नगरीय निकायों व महिला समूहों, सिविल
सोसाईटी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। विभागीय परिधि के बाहर आकर समन्वित प्रयासों द्वारा ही सकारात्मक वातावरण का निर्माण महिला सुरक्षा व
सशक्तिकरण हेतु किया जा सकता है। अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज को भी उत्तराखंड में लागू करने के प्रयास जारी हैं।