ख़बरदार! अगर भाजपा नेता से पेपर माँगे तो तुम्हारी खेर नहीं,पुलिस होती कौन है!

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गदरपुर। थाने में एक बार फिर नोक झोंक का मामला सामने आया है।पुलिस कांस्टेबल संजीव कुमार गश्त पर थे तभी भोला कॉलोनी में विधायक प्रतिनिधि रामपुर लिखी हुई एक अपाचे बाइक घूमती दिखी जिसे रोककर पूछताछ की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला और बाइक सवार से कहा गाड़ी से संबंधित कागजात लेकर थाने आ जाओ और गाड़ी को थाने ले आए जहां बाइक सवार की ओर से आए परमजीत सिंह पम्मा और उपनिरीक्षक के बीच नोकझोंक हो गई जिसकी सूचना मिलने पर दर्जनों भाजपाइयों ने थाना अध्यक्ष राजेश पांडे का घेराव किया और थाना अध्यक्ष राजेश पांडे से कहा कि नोकझोंक करने वाले उपनिरीक्षक चंद्र सिंह को थाने से हटाया जाए। उनका रवैया ठीक नहीं है उनके द्वारा पूर्व में भी आम जनता और जनप्रतिनिधियों से नोकझोंक के मामले सामने आते रहे हैं थाना अध्यक्ष राजेश पांडे ने कहा है कि उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है सूचना मिलते ही पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह भंडारी मौके पर पहुंचे और विरोध कर रहे भाजपाइयों को समझाया लेकिन विरोध कर रहे भाजपाइयों का कहना था कि उप निरीक्षक यहां से हटा दिया जाए तभी हम लोग थाने से जाएंगे थोड़ी ही देर में भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा भी थाने आ पहुंचे और उच्च अधिकारियों से बात करके दरोगा को बाजपुर अटैच होने के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ।

कई सवालों के जवाब नहीं

अब यहाँ सवाल ये उठता है की पुलिस फिर कितनी स्वतंत्र है? और क्या ये पुलिस की गलती है जो उन्होंने पेपर माँग लिए? क्या पुलिस बीजेपी के किसी नेता से पेपर नहीं मांग सकती? क्या उपनिरक्षक चंद्र सिंह इतने गैर जिम्मेदार अधिकारी होंगे जो सीधा नोकझोंक करने लगे? क्या सरकार से बीजेपी नेताओं को पेपर ना दिखाने की छूट है? इसकी क्या प्रत्याभूति है कि विधायक प्रतिनिधि लिखी गाड़ी कभी गलत कार्यों में संलिप्त नहीं हों सकती? अगर ऐसा नहीं है तो जो बात सिर्फ आम जनता कि तरह पेपर दिखाकर ख़तम हों सकती थी उसे फिर क्यू राजनीतिक मोड़ दिया गया? ऐसे कई सवाल हैं जो नेताओं के पुलिस महकमे पर वर्चस्व को लेकर उठते हैं। और यहाँ ये भी बताते चलें की ये कोई पहला मामला नहीं जब परमजीत सिंह पम्मा प्रशासन से भिड़े हों। आज परमजीत सिंह पम्मा जिस बीजेपी का दम भरते दिखते हैं वो ही कल तक चुनाव में गदरपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी करते दिखते थे। और चुनावों के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते ही बीजेपी के खास बनकर प्राशासन में अपनी धमक दिखाते घूमते हैं। फिर चाहे पुलिस महकमा हो या गदरपुर नगरपालिका हर जगह उनकी धमक दिखाई देती है।

भाजपा जिलाध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद निपटा मामला


गदरपुर। देर रात थाना गदरपुर पहुंचे भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा ने नोकझोंक करने वाले दरोगा को थाने से हटाने की मांग की। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा द्वारा फोन पर एस एसपी मंजूनाथ टीसी से वार्ता कर मामले से अवगत कराया जिस पर एसएसपी द्वारा तुरंत दरोगा चंद्र सिंह को सीओ ऑफिस बाजपुर से अटैच करवा कर मामला शांत करवाया।


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