किच्छा: मिग फार्मा कंपनी में महिला कर्मचारियों ने अन्याय के खिलाफ अनिश्चित कालीन धरने की दी चेतावनी, बैठी धरने पर!

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संवाददाता यशवंत कुमार

कल सोमवार फिर राज्य में कर्मचारियों के शोषण की खबर सामने आई जहाँ लालपुर किच्छा स्थित मिग फार्मा कंपनी ने अपनी कंपनी में काम करने वाली कुछ महिलाओं को तत्काल काम से निकाल दिया। जिसके विरोध में सभी महिलाएं कांग्रेस के पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश पैनरू और समाजसेवी गुरदास कालरा के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए।

बता दें की ये कोई पहला मामला नहीं जहाँ उत्तराखंड में स्थापित इन कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों को बिना बताए काम से निकाल दिया हो। इन कम्पनीयों में काम करने वाले श्रमिकों की शोषण की खबरें आम बात सी हो गई है। ना सरकार का इस और ध्यान है और ना ही प्रशासन कोई तवज्जो देता दिखता है। पिसने को पिसती राज्य की आम जनता ही है।

बता दें की कल सोमवार को मिग फार्मा कंपनी में 10-12 साल से काम करने वाली कुछ महिलाएं जब अपने काम पर पहुंची तो उन्हें कम्पनी में अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया जिसका कारण पूछने पर उन महिलाओं को कोई भी उत्तर ना मिलने पर सभी महिलाओं ने इसका विरोध किया और श्रमिकों के साथ हुए उत्पीड़न की खबर लगते ही पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश पैनरू और गुरदास कालरा मौके पर पहुंच गए और विरोध कर रही महिलाओं से पूरी जानकारी ले कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ नारे बाजी की और साथ ही प्रबंधन को ये चेतावनी भी दी की अगर मंगलवार तक हटाई गई महिलाओं को वापस उनके काम पर नहीं रखा तो सभी महिलाएं कंपनी के गेट पर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठेंगे।

हरीश पैनरू ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में कम्पनीयों में काम करने वाले श्रमिकों के साथ लगातार उत्पीड़न हो रहा है और फिर चाहे वो पुरष हो या महिलाएं। 10-12 साल काम करने के बाद इस तरह काम से निकालने के विरोध में हरीश पैनरू ने मंगलवार से अनिश्चित कालीन धरने कि बात कही। इस मौके पर निकाली गई महिलाओं के साथ समाजसेवी गुरदास कालरा, चन्दन पांडे, अजीत सचदेवा, रणजीत सिंह, गगन अरोरा, पवन सिंह मौजूद रहे।


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