मुख्य खबर 🔴: इस बड़े मंदिर के पुजारियों को मिलेगा कॉलेज प्रोफेसर के समान वेतन,पदोन्नति और छुट्टियां!

Share Now

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने पुजारी, कर्मचारी और सेवादारों की नियुक्ति की नई सेवा नियमावली तैयार कर ली है। 40 साल बाद बनी सेवा नियमावली देश भर के देवस्थान, मंदिर और ट्रस्ट के लिए नजीर होगी। न्यास ने नियमावली तैयार करके परीक्षण के लिए मंडलायुक्त के पास भेज दिया है। सेवा नियमावली में समय-समय पर कर्मचारियों के पदोन्नति का भी प्रस्ताव दिया गया है। पुजारी, कर्मचारी और सेवादारों को छुट्टियां भी मिल सकेंगी।

राज्य कर्मियों की तरह अर्चकों को ग्रेड व मैट्रिक्स दिया जाएगा। नई नियमावली में 16 सदस्यीय कमेटी ने पुजारियों को इंटर कॉलेज के प्रवक्ता के वेतनमान के समान वेतन देने की संस्तुति की है। मंदिर में नियुक्त होने वाले कर्मचारी और सेवादारों के लिए भी नियमावली का मसौदा तैयार किया गया है। समिति के प्रमुख सदस्यों में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, प्रो. ब्रजभूषण ओझा शामिल हैं।

न्यास अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि नई सेवा नियमावली लागू होने के बाद भी पुराने पुजारी व निशुल्क शास्त्री को अवसर दिया जाएगा। पुराने पुजारियों को नई नियमावली का लाभ मिलेगा और निशुल्क शास्त्री के साक्षात्कार के बाद मानित पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

मंदिर के पुजारी, सेवादार और कर्मचारियों की सेवा नियमावली में न्यास ही सर्वेसर्वा होगा। किसी भी पुजारी, सेवादार और कर्मचारी के खिलाफ शिकायत मिलने पर न्यास शासन के नियमानुसार ही कार्रवाई भी कर सकेगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने कहा कि 40 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक, कर्मचारी और सेवादारों के लिए सेवा नियमावली बनकर तैयार है। न्यास की बैठक में इसे रखा जाएगा और सहमति बनने के बाद इसे शासन की अनुमति के लिए भेज दिया जाएगा। शासन की मुहर लगते ही इसे लागू करके नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

न्यास के सदस्य प्रो. ब्रजभूषण ओझा ने बताया कि कमेटी ने सेवा नियमावली तैयार कर दी है। इसे मंडलायुक्त के पास परीक्षण के लिए भेजा गया है। देश भर के देवस्थान, ट्रस्ट और मंदिरों की सेवा नियमावली का तुलनात्मक अध्ययन भी किया जा रहा है।


Share Now