रुद्रपुर में नेताओं नें भड़काया धार्मिक उन्माद, मिलने लगी पुलिस अधिकारी को धमकियां। अब क्या व्यापारी नेता लेंगे इसकी जिम्मेदारी?

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रुद्रपुर के आदर्श कॉलोनी विकास चौकी प्रभारी संदीप पिलखवाल द्वारा चेकिंग के दौरान एक युवक के साथ अभद्रता का आधा अधूरा वीडियो वायरल होने पर जहाँ इस घटना पर कई लोग नाराज दिखे पर कुछ व्यापारी नेताओं नें इस घटना को राजनीती की भेंट चढ़ा दिया और इस घटना को सिक्ख धर्म की भावनाओं से जोड़ कर शहर में और सिक्ख समुदाय की भावनाओं को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। और आलम ये हो गया है कि चौकी प्रभारी संदीप पिलखवाल को अब फेसबुक मैसेंजर पर कई लोगों द्वारा धमकियां मिलने लगी है। क्रमशः…

बेबुनियाद आरोप लगा कर भड़काई जा रही हैं भावनाएं

शहर के एक व्यापारी नेता द्वारा आगामी चुनावों को देखते हुए अपनी राजनितिक महत्वकांशा के चलते चौकी प्रभारी पर कई आरोप ऐसे लगा दिए जिसने सिक्ख धर्म की भावनाओं को भड़काने में आग में घी का काम किया। जहाँ व्यापारी नेता जहाँ आरोप लगा रहे हैं कि चौकी प्रभारी नें सिक्ख युवक की पगड़ी पर हाथ मारा और एक सिक्ख युवक का बिना हेलमेट का चालान कर दिया जबकि संविधान में सिक्खों को हेलमेट पहननें में छूट है। जबकि वायरल वीडियो में ऐसा कहीं भी नहीं दिखाई देता कि उस सिक्ख युवक की पगड़ी के साथ चौकी इंचार्ज द्वारा कोई छेड़ छाड़ की गई हो और वहीं जब हमनें चौकी प्रभारी द्वारा काटे हुए चालान को देखा तो कहीं भी उसमें हेलमेट ना होने का चालान ही काटा गया है।

दोनों तरफ से देखी गई अभद्र भाषा।

जहाँ चौकी प्रभारी पर युवक के साथ अभद्रता का आरोप लगाया जा रहा है पर वहीं वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक की भाषा भी सभ्यता के मानको के अनुरूप नहीं है। यहाँ एक आम नागरिक द्वारा किसी अधिकारी से की जाने वाली बात चीत में भाषा का स्तर भी सवाल खड़े करता है। पर व्यापारी नेता सदा पुलिस विभाग पर अपने वर्चस्व कायम करने की पद्धति और मानसिकता के चलते पहले की तरह इस बार भी पुलिस के अधिकारीयों पर कई बेबुनियाद आरोप लगानें से पीछे नहीं हटे।

चौकी प्रभारी को मिल रही हैं धमकियां।

व्यापारी नेता के द्वारा छोटे से मामले को जिस तरह से सोशल मीडिया में अपने झूठे बयानों को बार बार बोल कर सबसे शांतिप्रिय और सदा समाज की सेवा के लिए आगे रहने वाले सिक्ख समाज की भावनाओं को भड़काया उसका परिणाम ये हुआ कि चौकी प्रभारी को फेसबुक मैसेंजर पर कुछ लोगों द्वारा भद्धि भद्धि गलियां और धमकियां मिलने लगी हैं। क्या अब अगर कोई भी अप्रिय घटना चौकी प्रभारी के साथ होती हैं तो उसकी जिम्मेदारी व्यापारी नेता लेंगे?

क्या अधिकारीयों पर वर्चस्व की राजनीती करते हैं व्यापारी नेता?

कैसे किसी छोटी सी घटना को तूल देकर कर शहर में हर छोटी घटना को बड़ा करना है ये व्यापारी नेता की राजनीती का हमेशा हिस्सा रहा है और पूर्व में भी कई बार ऐसा देखा गया है कि व्यापारी नेता द्वारा रुद्रपुर की बाजार चौकी और आदर्श कॉलोनी चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ छोटे से छोटे मुद्दे को भी बड़ा बना दिया गया। और आज आलम ये है कि ज्यादातर पुलिस कर्मी इन दोनों चौकियो में काम करने से बचते नजर आते हैं। और वर्तमान में भी जिस तरह से व्यापारी नेता द्वारा एक छोटी सी घटना को सिक्ख धर्म की भावनाओं के साथ खिलवाड़ का मुद्दा बना कर आगामी होने वाले निकाय चुनाव में अपना वर्चस्व बनाने की राजनीती का परिचय दिया है। इससे कहीं ना कहीं व्यापारी नेता का इन चौकियो में तैनात पुलिस कर्मियों पर वर्चस्व बनाए रखने और दबाव बनाने की राजनीती भी नजर आती है।

समाज को समझना होगा नेताओं की राजनीती को। रुद्रपुर शहर यहाँ की राजनीती के लिए

रुद्रपुर शहर यहाँ की राजनीती के लिए पूरे उत्तराखंड में हमेशा सुर्खियों में रहता है उसका कारण शहर में हर छोटी बड़ी घटना को यहाँ के नेता एक संवेदनशील मुद्दा बना कर प्रदेश स्तर का मुद्दा बनाने में देर नहीं लगाते। और यही कारण है कि इस बार भी एक छोटी सी चेकिंग की घटना को बड़ा चढ़ा कर यहाँ के कुछ नेताओं नें ना केवल शहर की फिजा को ख़राब करने की कोशिश की बल्कि वहीं इसे एक धर्म और समाज के साथ अभद्रता का मुद्दा बना कर उस समाज के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं पर इन सबमें कहीं ना कहीं पुलिस का मनोबल टूटता दिख रहा है।

हो चुका है समझौता फिर भी राजनीती क्यों?

यहाँ ये भी सामने आ रहा है कि चौकी प्रभारी और युवक के बीच पहले ही समझौता हो चुका है पर बावजूद इसके व्यापारी नेता और कुछ लोगों द्वारा इस छोटी सी घटना को इतना बढ़ाया गया कि ना केवल इसको लेकर कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए बल्कि एक समाज की धार्मिक भावनाओं को भड़का कर इसमें कई राजनितिक और सामजिक लोगों को भी उतार दिया गया। इसलिए समाज के लोगों को भी ये समझना होगा कि कहीं वो किसी नेता कि राजनीती कि भेंट तो नहीं चढ़ रहे और इन नेताओ की पब्लिसिटी पाने की लालसा का मोहरा तो नहीं बन रहे हैं? वहीं जिले के कप्तान द्वारा भी तत्काल इस मामले में चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर करके एक संतोषजनक कार्यवाही की गई बावजूद इसके जिस तरह से कुछ व्यापारी नेताओं द्वारा इस घटना से धार्मिक उन्माद को भड़काने की जो कोशिश की जा रही है उसके दूरगामी दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं।


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