टाटा के कर्मचारियों के बीच 75 साल पूर्व एक ओपिनियन पोल करवाया गया था। जिसमें उन्होंने देश की पहली एयरलाइन के नामकरण के लिए चार नामों में से एक को चुनने के लिए कहा था। इसी ओपिनियन पोल के परिणाम के आधार पर एयरलाइन का नाम ‘एयर इंडिया’ रखा गया था।
बीते दिनों एयर इंडिया का नियंत्रण आधिकारिक रूप से हासिल करने के बाद टाटा समूह ने एयरलाइन के इतिहास से संबंधित कुछ बाते बाई है।
जिसमें बताया गया कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को सरकार ने बीते 27 जनवरी को टाटा समूह को सौप दिया था। जिसके बाद करीब सात दशक के बाद एयर इंडिया एक बार फिर टाटा समूह के नियंत्रण में आ चुकी है।
साल 1946 में जब टाटा एयरलाइंस का टाटा संस के एक विभाग से एक कंपनी के रूप में विस्तार किया गया था, तब इसके लिए एक नाम चुनना था। टाटा समूह ने रविवार को बताया कि ‘देश की पहली एयरलाइन के लिए चुने गए नामों में इंडियन एयरलाइंस, पैन-इंडियन एयरलाइंस, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया थे।
टाटा समूह ने ट्वीट कर इस बारे में बताया है और दो तस्वीरें भी पोस्ट कीं। जिसमें एक टाटा के 1946 के मासिक बुलेटिन की तस्वीर है। बुलेटिन के अनुसार टाटा समूह के सामने नई एयरलाइन का नाम तय करने की चुनौती थी। इसके लिए एक ओपिनियम पोल कराने का फैसला लिया गया।
इसके लिए टाटा के कर्मचारियों के बीच मतपत्र वितरित किए गए थे और उनसे पहली और दूसरी पसंद चुनने के लिए कहा गया था। पहली गणना में इसमें एयर इंडिया नाम को 64 वोट मिले थे, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस को 28 और पैन-इंडियन एयरलाइंस को 19 वोट मिले थे। वहीं, अंतिम गणना में एयर इंडिया को 72 और इंडियन एयरलाइंस को 58 वोट मिले थे।
इसके बाद देश की पहली एयरलाइन को एयर इंडिया नाम दिया गया था।