नई दिल्ली। भारतीय शास्त्रीय रागों पर आधारित भारतीय धुनें इस वर्ष ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह का आकर्षण होंगी, जिसमें राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मु 29 जनवरी को नई दिल्ली के ऐतिहासिक विजय चौक पर शिरकत करेंगी। सेना, नौसेना, वायु सेना और राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के संगीत बैंड द्वारा 29 मनोरम और पैर थिरकने वाली भारतीय धुनें बजाई जाएंगी।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। यह समारोह देश के सबसे बड़े ड्रोन शो का भी गवाह बनेगा, जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। शानदार ड्रोन शो रायसीना पहाड़ियों के ऊपर शाम के आसमान को रोशनी से जगमग कर देगा, सहज तालमेल के माध्यम से राष्ट्रीय आकृतियों/घटनाओं के असंख्य रूपों को प्रस्तुत करेगा। यह स्टार्ट-अप परितंत्र की सफलता, देश के युवाओं के तकनीकी कौशल को दर्शाएगा और भविष्य की पथ-प्रवर्तक प्रवृत्तियों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन बोटलैब्स डायनामिक्स द्वारा किया जाएगा।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के आगे आयोजित होने वाले बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी 2023 के दौरान पहली बार 3-डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का आयोजन किया जाएगा।
समारोह सामूहिक बैंड की ‘अग्नीवीर’ धुन के साथ शुरू होगा, जिसके बाद पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड द्वारा ‘अल्मोड़ा’, ‘केदारनाथ’, ‘संगम दूर’, ‘क्वींस ऑफ सतपुरा’, ‘भागीरथी’, ‘कोंकण सुंदरी’ जैसी मोहक धुनें बजाई जाएंगी।
भारतीय वायु सेना के बैंड ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’ की धुन बजाएंगे, जबकि भारतीय नौसेना की बैंड ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें बजाएंगे।
भारतीय सेना का बैंड ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ बजाएगा।
इस कार्यक्रम का समापन सदाबहार व सर्व लोकप्रिय धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा।
समारोह के मुख्य संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लीमापोकपम रूपचंद्र सिंह होंगे। जहां आर्मी बैंड का नेतृत्व सूबेदार मेजर दिग्गर सिंह करेंगे, वहीं नौसेना और वायु सेना के बैंड कमांडर एम एंथोनी राज और वारंट ऑफिसर अशोक कुमार होंगे। राज्य पुलिस और सीएपीएफ बैंड के संचालक सहायक उप निरीक्षक प्रेम सिंह होंगे।
नायब सूबेदार संतोष कुमार पांडेय के नेतृत्व में बगलर्स प्रदर्शन करेंगे और सूबेदार मेजर बसवराज वाग्गे के निर्देशन में पाइप और ड्रम बैंड बजाया जाएगा।
क्या होता है बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह, और कैसे हुई इसकी शुरूवात….
हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के तौर पर आयोजित किया जाता है। जब शानदार कलाओं और रंगों को प्रस्तुत किया जाता है तो यह समारोह राष्ट्रीय गौरव की एक अनुपम घटना बन जाती है।
इस समारोह की शुरुआत 1950 के दशक की शुरुआत में हुई जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने स्वदेशी रूप से सामूहिक बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को विकसित किया था। यह एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा को दर्शाता है, जब सूर्यास्त के समय रिट्रीट की आवाज सुनकर सैनिक लड़ाई बंद कर, अपने हथियार को रखकर युद्ध के मैदान से अपने शिविरों में वापस लौटते थे। ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेना की छावनी वापसी का प्रतीक है। समारोह बीते समय की यादों को ताजा करता है।