श्री गुरुनानक कन्या इंटर कॉलेज के टीचर्स नें आदेश होने के बाद भी सैलरी ना मिलने पर काली पट्टी बांध किया विरोध प्रदर्शन, मुख्य शिक्षा अधिकारी को सौपा ज्ञापन।

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रुद्रपुर के गुरु नानक कन्या इंटर कॉलेज की अध्यपिकाओ को पिछले 7-8 महीने से सैलरी ना मिलने के कारण कल सभी टीचर्स मुख्य शिक्षा अधिकारी के पास हाथों में काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शित करने पहुँच गई और सैलरी ना मिलने की दशा में 11 जुलाई से पूर्ण रूप से समस्त कार्यों का बहिष्कार करने का ज्ञापन भी सौपा।

बता दें कि श्री गुरु नानक शिक्षा समिति की प्रबंध कमेटी में वर्चस्व की लड़ाई काफी समय से अखबारों की सुर्खिया बनी हुई हैं। जिसने ना केवल इसे पूरे जिले में चर्चा का विषय बनाया हुआ है वहीं उसकी आग से स्कूल में कार्यरत अध्यपिकाएं भी पिछले 7-8 महीने से झुलस रही हैं।

बता दें कि समिति में वर्चस्व की लड़ाई के कई मामले जहाँ उच्च न्यायालय में चल रहे हैं पर अध्यपिकाओ की सैलरी और श्री गुरुनानक कन्या इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति के वाद पर उच्च न्यायलय के 13/6/2024 के अपने निर्णय में मुख्य शिक्षा अधिकारी को 2 सप्ताह में निर्देश देनें के लिए निर्देशित किया था। पर मुख्य शिक्षा अधिकारी नें देर से ही सही 8 जुलाई को एकल प्रबंधन के निर्देश देते हुए श्री गुरुनानक कन्या इंटर कॉलेज की प्रभारी प्रधानाचार्य को विद्यालय के स्टॉफ के वेतन हेतु अधिकृत किया गया था। पर प्रिंसिपल महोदया व क्लर्क स्टॉफ टीचर्स की सैलरी बनाने के बजाय छुट्टी पर चले गए जिससे पिछले 7-8 महीने से बिना वेतनमान के काम कर रही टीचर्स फिर अपने आपको को ठगा सा महसूस करने लग गई। 

सैलरी ना मिलने के चलते स्कूल की समस्त टीचर्स नें जहाँ हाथों में काली पट्टी बांध कर अपने लिए न्याय की माँग की वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी को जल्द समाधान ना होने पर पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार का ज्ञापन भी सौंप दिया। यहाँ ये गौर करने योग्य बिंदु हैं जो सवाल भी खड़े करता है कि प्रबंध समिति कि आपसी वर्चस्व कि लड़ाई में आँखिर क्यू अध्यापक पिस रहे हैं।  जिन अध्यापकों का काम और ध्यान बच्चों को उचित शिक्षा  देनें पर होना चाहिए वो पिछले 7-8 महीने से किस तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित सा महसूस कर रही हैं। अब देखना होगा क्या प्रिंसिपल महोदया जिनकी खुद की भी सैलरी पिछले 7-8 महीने से नहीं आई है वो समय से विद्यालय आकर अपने और अन्य टीचर्स के साथ कितना न्याय करती हैं या वो भी किसी के दबाव में तो काम नहीं कर रही हैं?.


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