दो दिन पहले स्कूल बस द्वारा रोड पर खड़े लोगों को कुचलने की घटना नें प्राइवेट स्कूलो पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि दो दिन पूर्व गंगापुर रोड स्तिथ सेंट मेरी स्कूल की एक बस नें काशीपुर हाईवे पर कई लोगों को कुचल दिया था जिसमें एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी । इस घटना का cctv फुटेज भी वायरल हुआ जिसनें सबकी रूह कपा दी।
कुछ लोगों द्वारा बताया ये जा रहा है की बस चालक नें शराब पी रखी थी तो कोई बस चालक को हार्ट अटैक आने की बात कर रहा है पर ये जांच का विषय है पर इस घटना में जो सबसे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं वो सीधा इसमें स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की ओर इशारा कर रहे हैं। क्या स्कूल प्रबंधन को ये नहीं पता था की उनकी गाड़ियों की फिटनेस ख़तम है उनकी गाड़ियों का बीमा ख़तम है ओर वहीं 4 साल से उसका परमिट भी ख़तम हो चुका है। यहाँ ये सवाल केवल सेंट मेरी स्कूल पर ही नहीं शहर और जिले में चल रहे सभी स्कूलों पर भी खड़े होते हैं।
या तो स्कूल जान बूझ कर अपने फायदे के लिए लोगों और बच्चों की जान से खेल रहे हैं या फिर इन सबके पीछे कोई बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है जो फर्जी बीमा और फिटनेस बना कर प्रशासन की आँखों में धूल झोक रहा है। सवाल यहाँ प्रशासन पर भी खड़े होते हैं क्यू नहीं हर तीन महीने में स्कूलों द्वारा संचालित बसों की जाँच की जाती है? कैसे कोई बस दो बार चालान कट जाने के बाद भी सड़कों पर घूम रही है? क्यू नहीं प्रशासन इन शिक्षा के मंदिरों के नाम पर छल और मौत का प्रसाद बाटने वालों पर कार्यवाही करता है? सवाल कई हैं पर जवाब सिर्फ ख़ामोशी और अनदेखी के सिवा कुछ और नहीं।
हर बार स्कूल बसों द्वारा हादसों के कुछ समय बाद हर घटना बस फाईलों में ही दफ़न हो जाती है। बस होती है तो कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपा पोती।