नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बहुचर्चित आबकारी घोटाले में बुरी तरह फंसे हुए हैं। तथाकथित घोटाले में उनके ऊपर अरबों रुपए का घपला करने के आरोप हैं। इस मामले में ईडी सक्रिय होकर जांच कर रही है। लेकिन मनीष सिसोदिया को बीते कई महीनों से गिरफ्तारी के बाद से ही कोई राहत नहीं मिली है। एक बार फिर कथित आबकारी घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की ईडी मामले में दाखिल जमानत याचिका पर मंगलवार 18 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए एक बार फिर मनीष सिसोदिया पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इसके बाद अभी तक हालांकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम को जाहिर तौर पर एक और झटका लगा है।
आपको बता दें कि इस मामले पर राउज एवेन्यू कोर्ट अब 26 अप्रैल को निर्णय करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब कोर्ट के भीतर मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को लेकर सुनवाई चल रही थी तब ईडी के वकील ने जमानत न दिए जाने की अपील की थी। इस दौरान ईडी के वकील ने एक पुराने फैसले को अदालत के सामने रखा और इस स्टेज पर सिसोदिया को जमानत दिए जाने का विरोध किया।
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया (#ManishSisodia) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले की जांच ईडी (#ED) कर रही है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल 26 अप्रैल को फैसला सुनाएंगे।#DelhiLiquorPolicy pic.twitter.com/q7jIbt50l9
— IANS Hindi (@IANSKhabar) April 18, 2023
गौरतलब है की इस पूरी सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा ईडी का काम ये बताना नहीं है जीओएम और कैबिनट में क्या हुआ या क्या नहीं हुआ, बल्कि मुझे लगता है कि ईडी को ये बताना चहिए कि अगर कोई क्राइम घटित हुआ है तो इससे कोई लाभ हुआ है। इसके साथ ही सिसोदिया के वकील ने सिर्फ अनुमान के आधार पर हिरासत में रखे जाने का भी विरोध किया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का कोई केस नहीं बनता है। लिहाजा अदालत को जमानत याचिका स्वीकार करनी चाहिए।