उत्तराखंड के पत्रकार संघठन नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद भट्ट और उधम सिंह नगर के जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल के बीच चल रहे विवाद में जहाँ त्रिलोक चंद्र भट्ट ने कल भूपेश छिमवाल को जिलाध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था आज उसी विबाद में भूपेश छिमवाल ने प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र भट्ट पर कई संगीन आरोप लगाते हुए उन पर हुई अनुचित कार्यवाही के खिलाफ जहाँ कोर्ट जाने की बात कही वहीं त्रिलोक चंद्र भट्ट पर मानहानी का केस करने की बात भी कही।
त्रिलोक चंद भट्ट का आरोप
बता दें कि कल गुरुवार को सुबह 10:30 के करीब जब प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र भट्ट ने ऊधम सिंह नगर के जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल पर मार्च 2023 में संघठन के रुद्रपुर में हुए महाधिवेशन में उपयुक्त होने के बाद शेष बची चंदा बुकों को ना वापस करने के बाबत जहाँ उनको 31 जुलाई को विधिक कार्यवाही करने का नोटिस भेजा जिसमें उन्हें अगले तीन दिनों का समय दिया गया था जिसका जवाब जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल को दिए गए तीन दिन के समय के भीतर देना था। और त्रिलोक चंद भट्ट के अनुसार तय समय के अनुरूप जब जवाब नहीं मिला तों उन्होंने भूपेश छिमवाल को पद और संघठन से बर्खास्त कर दिया। और उधम सिंह नगर जिला इकाई को भंग कर दिया।
भूपेश छिमवाल ने किए सभी दावे ख़ारिज और पेश किए सबूत
पर जब हमनें भूपेश छिमवाल का पक्ष जाना तों उन्होंने कई साक्ष्य पेश करते हुए त्रिलोक चंद भट्ट के सभी दावों को नकार दिया व साथ ही गंभीर आरोप भी लगाए कि किस तरह प्रदेश अध्यक्ष मन माने तरीके से अकेले ही संघठन के सभी निर्णय लेते हैं और प्रदेश कार्यकारिणी के अन्य 20 सदस्यों कि राय जाने बिना व नव न्युक्त अन्य सभी कमेटीयों को भी दरकार करते हुए मन माने ढंग से नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट के सभी निर्णय खुद लेते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हैं जब त्रिलोक चंद भट्ट ने ऐसा किया हो, भूपेश छिमवाल ने दावा किया कि उनके पास कई साक्ष्य ऐसे हैं जब उन्होंने पूर्व में भी अपनी मन मानी चलाई है।
यहाँ ये भी बता दें कि जब उनके ऊपर लगे आरोपों के बारे में भूपेश छिमवाल से पूछा गया तो उन्होंने वो लेटर भी दिखाया जो उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा मांगी गई चंदा बुक के खो जाने के कारण पुलिस में विधिक रूप से रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और साथ ही प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए गए 31 जुलाई के नोटिस के जवाब में तय समय के भीतर उन्हें किए गए जवाबी मेल की कॉपी भी दिखाई जिसमें भूपेश छिमवाल ने ना केवल प्रदेश कार्यालय और प्रदेश कार्यकारणी के कई सदस्यों को दर्ज रिपोर्ट की कॉपी संलग्न करवाई साथ ही सभी से निवेदन भी किया की पुलिस में दर्ज गुमसुदगी की रिपोर्ट के आधार पर अन्य समाचार पत्रों में गुम हुई चंदा बुकों को निषप्रयोग और निरस्त करने हेतु सूचना जारी करने का निवेदन किया है।
बजाय भूपेश छिमवाल के लिखें जवाबी मेल का संज्ञान लेने के और वांछित सूचना प्रेषित करने के त्रिलोक चंद भट्ट ने मनमाने ढंग से उन्हें ना केवल पद और संगठन से हटाया और प्रदेश कार्यकारिणी और संगठन के सभी सदस्यों को तथ्यों से अनजान रखा और साथ ही कई न्यूज़ पोर्टलो में उनकी बर्खास्तगी की खबर छपवा कर उनके मान सम्मान की हानी भी की है। जिसके लिए भूपेश छिमवाल ने कड़े शब्दों में त्रिलोक चंद भट्ट की निंदा की है साथ ही उन्हें 5 जुलाई शाम तक का समय देनें की बात की है की या तों वो माफ़ी मांग ले अन्यथा भूपेश छिमवाल त्रिलोक चंद भट्ट के खिलाफ मानहानी का केस करेंगे।
भूपेश छिमवाल पूर्व में भी दे चुके हैं इस्तीफा
भूपेश छिमवाल ने ये भी बताया कि त्रिलोक चंद भट्ट कि इन्हीं मनमानी और गलत नीतियों के चलते वो पूर्व में 29 अप्रैल को संघठन से इस्तीफा दें चुके थे। जहाँ फिर प्रदेश कार्यकारिणी के कई पदाधिकारियों के उनके इस्तिफे को ना मंजूर करने के कारण वापस संघठन में थे। छिमवाल ने कहा कि भट्ट सदा प्रदेश कार्यकारिणी और अन्य सदस्यों को गुमराह करते रहे हैं और ये ही नहीं ऐसे कई मामले हैं जहाँ त्रिलोकचंद भट्ट की गलत नीतियों और मनमाने ढंग के चलते पूर्व में नैनीताल जिले के महामंत्री उधम सिंह राठौर, देहरादून और छिमवाल से पूर्व उधमसिंह नगर जिले के जिलाध्यक्ष चौहान, विकास कुमार उधमसिंह नगर से प्रदेश कमेटी के श्रवण कुमार, रिजवान, डॉ मदन मोहन पाठक,बागेश्वर,अन्य जिलों से कई सम्मानित पत्रकार इस्तीफा दें चुके हैं। और तो और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पाठक ने भी उनकी गलत नीतियों के चलते ही फरवरी 2023 को इस्तीफा दिया था।
भविष्य में करेंगे कई खुलासे
यहाँ ये भी बता दें कि भूपेश छिमवाल ने दबे शब्दों में संगठन के भीतर त्रिलोक चंद भट्ट के द्वारा पूर्व और वर्तमान में किए गए कई गलत संघटनात्मक कार्यों के बारे में भी इशारा किया और कहा कि वक़्त आने पर वो उन सभी का खुलासा मीडिया और कोर्ट के समक्ष करेंगे। और त्रिलोक चंद्र भट्ट को 5 जुलाई तक का समय दिया है कि वो अपने कृत्यो कि माफ़ी माँगे वरना मानहानी और अन्य क़ानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। छिमवाल ने ये भी कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जहाँ उधमसिंह नगर में ना केवल पत्रकार हितों कि लड़ाई लड़ी वहीं कई ऐसे काम किए जिनसे संगठन को मजबूती मिले पर भट्ट ने अपनी निजी जलन और दोहरे चरित्र के चलते उनके खिलाफ कई षडयंत्र किए। छिमवाल ने कहा कि उनकी टीम और उनके नेतृत्व में मार्च में रुद्रपुर में हुए महाधिवेशन ने जहाँ पूरे प्रदेश में सुर्खिया बटोरी वहीं शासन और पत्रकारों में संघठन की एक अलग छवि भी बनाई। भूपेश छिमवाल ने दावा किया कि वो त्रिलोक चंद भट्ट ने जो अपने शातिर चेहरे के ऊपर जो मासूम होने का नकाब ओड़ा हुआ है वो उसका पर्दा फाश सबके सामने करेंगे।