जिस सहायक चकबन्दी को विजिलेंस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था उस रिश्वतखोर को अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने सहायक चकबंदी को पांच साल कठोर करावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि दविंदर सिंह निवासी ढकिया नंबर एक, काशीपुर ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय में 14.9.2016 को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा कि तत्कालीन सहायक चकबंदी अधिकारी काशीपुर जयवीर सिंह चौहान निवासी ग्राम कोटि तहसील बडकोट जिला उत्तरकाशी ने उससे दादी की मृत्यु के बाद चार भाईयों के नाम वसीयतनामे में नाम दर्ज करने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है।
शिकायत मिलने पर निरीक्षक दानीराम आर्य के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन हुआ और 15.9.2016 को जयवीर सिंह को दविंदर सिंह से 15 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। इस संबंध में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी में उसी दिन मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने कोर्ट में 11 गवाह प्रस्तुत किए।
न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा ने बीती 11 अगस्त को जयवीर को मामले में दोषी ठहराया। दोषी को पांच साल का कठोर कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।