उत्तराखंड। प्रदेश के चारों धामो के कपाट खुलने के बाद अब पांचवें धाम और हिन्दू सिक्ख आस्था संगम के रूप में प्रसिद्ध उच्च हिमालय तीर्थ श्री लोकपाल हेमकुंट साहिब जी के कपाट भी आगामी 20 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुल रहे है, श्री हेमकुंट गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट भी अपनी तैयारिया शुरू करने में जुटा हुआ है, तो दूसरी और भारतीय सेना के जवानों की एक टुकड़ी गुरुद्वारा के सेवादारों के साथ मिलकर 20 अप्रैल से हेमकुंट साहिब से अटला कोटी तक बने आस्था पथ पर विषम परिस्थितियों के बीच महज गेंती बेलचों की मदद से बर्फ के बड़े बड़े टीलों को काट कर पैदल मार्ग सुचारू करने में युद्ध स्तर पर जुटी हुई है।
14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा के साथ साथ पौराणिक श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर और हिम सरोवर बर्फ से लदे हुए है, हेमकुंट साहिब से नीचे अटला कोटी तक गुरु आस्था पथ का भी करीब 3 किलोमीटर तक का मार्ग पूरी तरह बर्फ के टीलों से ढका हुआ है। मौसम के बदले मिजाज के चलते यहां लगातार बर्फबारी हो रही है ऐसे में बर्फ साफ करने में सेना के जवानों को काफ़ी दिक्कतें हो रही है,जोश ओर जज्बे से लबरेज भारतीय सेना के जाबांज जवानों और गुरुद्वारा कमेटी के सेवादारों द्वारा हेमकुंट से नीचे किस तरह से मार्ग बनाया जा रहा है, इतनी ऊंचाई पर ग्लेशियरों को काट कर श्रद्धांलुओं के लिए पैदल मार्ग बनाया जा रहा है। सेना ने आश्वासन दिया है कि 20 मई से पूर्व ही समय पर हेमकुंट साहिब आस्था पथ से बर्फ हटाकर गुरु पथ आवाजाही के लिए सुचारू कर दिया जाएगा।