गैंगस्टर से राजनेता बना अतीक अहमद दो दिन से सुर्खियों में है. उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज लेकर पहुंच गई है. समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं और वो 2019 से जेल में बंद है. मंगलवार को उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपीएमएलए कोर्ट का फैसला आना है. इस मामले में अतीक और उसका भाई असरफ समेत 11 आरोपी हैं. इस बीच, माफिया अतीक अहमद से जुड़ी खबर सामने आई है. यूपी पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में भी अतीक पर शिकंजा कसने का फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस अतीक को मंगलवार को कोर्ट में पेशी के बाद वापस साबरमती जेल नहीं भेजना चाहती है, इसलिए उसने बड़े प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है. यूपी पुलिस हाल ही में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक से पूछताछ करना चाहती है. इस संबंध में पुलिस ने प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. पुलिस ने इस याचिका में कोर्ट से उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ को लेकर अनुमति मांगी है. इस याचिका पर आज ही सीजेएम कोर्ट में सुनवाई होनी है. पुलिस ने अर्जी में यह भी बताया है कि माफिया अतीक के खिलाफ अहम सबूत मिले हैं, इसलिए उससे पूछताछ किया जाना जरूरी है.
2019 में साबरमती जेल भेजा गया था अतीक
बता दें कि समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अतीक अहमद जून 2019 से साबरमती जेल में बंद है. वो फूलपुर से सांसद भी रहा है. उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी की जेल से शिफ्ट किया गया था. अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अतीक को गुजरात में हाई सिक्योरिटी वाली जेल में ट्रांसफर कर दिया जाए. दरअसल, तब देवरिया जेल में बंद अतीक पर रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगा था.
‘राजू पाल हत्याकांड में भी नामजद है अतीक’
यूपी पुलिस का कहना है कि अतीक हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड समेत 100 से ज्यादा आपराधिक केसों में नामजद है. वो 24 फरवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या में भी मुख्य आरोपी है. राजू की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हाल में 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई है. इसमें अतीक और उनके गुर्गों पर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है.
‘मुझे परिवार समेत झूठा फंसाया जा रहा’
इस केस में यूपी पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और अतीक और उनके समर्थकों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इस बीच, अतीक अहमद ने मार्च की शुरुआत में सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अतीक ने दावा किया कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी के रूप में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है.
‘ट्रांजिट रिमांड के बहाने खत्म किया जा सकता है’
अतीक अहमद ने अपनी याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही है. अतीक ने आगे कहा- उसे ‘वास्तव में आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है.’
‘कोर्ट में पेशी के बाद वापस जेल भेजा जाएगा’
इससे पहले अतीक अहमद को प्रयागराज ले जाने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम रविवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय कारागार पहुंची. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उमेश पाल के अपहरण मामले में अतीक आरोपी है. इस केस में अतीक को 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि प्रयागराज की कोर्ट में मामले में आदेश पारित किया जाना है. सभी अभियुक्तों को फैसले की तारीख पर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और फिर वापस उनके संबंधित जेलों में भेज दिया जाएगा.
अगर दोषी पाया गया तो पहले केस में मिलेगी सजा
अतीक पर 100 से ज्यादा केस हैं. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 23 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अतीक को पेश करने का आदेश दिया था. कोर्ट का 28 मार्च को फैसला आना है. अगर अतीक को दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई तो ये पहला केस होगा, जिसमें उसे सजा मिलेगी.