पिथौरागढ़ ::- जिले के ग्राम पंचायत खुमती के अंर्तगत आवाजाही के लिये पैदल मार्ग तक ठीक नही है ऐसे में स्कूल पड़ने जाने वाले छात्र-छात्राएं विद्यालय के लिए जान जोखिम में डाल कर आवागमन कर रहे हैं।
खुमती के स्थानीय लोगों का कहना है इस साल आई खुमती क्षेत्र की आपदा से क्षेत्र के चार पूल आपदा की भेंट चढ़ चुके जिसके चलते अब स्कूली बच्चों को भी इस तरह के उफड़ खाफड़ मार्गो में जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं,जबकि इन छात्र छात्राओं को भी पता है कि कोई व्यवस्था होने की संभावना ही नहीं है,आखिर वह घर में कब तक रहेंगे! जिसके चलते अब उन्हें मजबूरन विद्यालय के लिए निकलना पड़ रहा हैं,इन जोखिम भरे रास्तों से स्कूली बच्चों को अब रोज आवाजाही करना पड़ रहा है।
स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर खतरनाक रास्तों से होते हुए घर से स्कूल व स्कूल से घर तक रोज ऐसे ही अब आवगमन करना पड़ता हैं। इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना है कि दैवीय आपदा से निपटने के लिए कोई ठोस नीति होनी चाहिए। आपदा से विभिन्न परिसंपत्ति क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जब तक इनका पुनर्निर्माण नहीं किया जाता है तब तक इन योजनाओं को दैवीय आपदा के ही मानकों में लेना चाहिए। जबकि अभी आपदा से प्रभावित योजनाओं में मार्च 2023 तक पैसा नहीं मिलता है तो ऐसी योजनाओं को बिना मरम्मत/पुनर्निर्माण किए ही आपदा मानकों से बाहर कर दिया जाता है। इस नीति से आपदा प्रभावित ग्राम पंचायतों में व्यवस्था पटरी पर आना संभव नहीं है।