हेल्थ टिप्स ::- डायरिया को दस्त के रूप में भी जाना जाता है यह एक बीमारी है जो आपको सामान्य की तुलना में अधिक शिथिल या अधिक मल पास करती है। यह एक परिणाम हो सकता है, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे पेट का फ्लू भी कहा जाता है। यह माइक्रोबियल संक्रमण के कारण पेट या आंत की सूजन के अलावा कुछ भी नहीं है।
गर्मी के मौसम में खाना जल्दी खराब यानी संक्रमित हो जाता है। बैक्टीरिया से संक्रमित आहार खाने, तला-भुना या गरिष्ठ भोजन अधिक करने से, बासी तथा बाहर का खाना या कटे हुए फल खाने, दूषित पानी पीने, साफ-सफाई का ध्यान न रखने और एक टाइम फिक्स न करके समय-असमय खाने से अपच या बदहजमी की समस्या हो जाती है। तब शरीर भी प्रतिक्रिया करता है। इस प्रक्रिया में शरीर से पानी बाहर निकल जाता है और डायरिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
लाइट फूड खिलाएं- डायरिया होने पर बच्चे को बार-बार पेट में दर्द और उल्टी हो सकती है ऐसे में बच्चे को ऐसा भोजन खिलाएं जो पचने में आसान हो। बच्चे को कम मात्रा में और सुपाच्य खाना दें। घर की बनी चीजें ही खाने के लिए दें और कम मिर्च-मसाले या कम फैट का इस्तेमाल करें। मूंग दाल की खिचड़ी, दही-चावल और सूप जैसे फूड्स बच्चे को खाने के लिए दें।
फूड्स भी हैं लाभकारी- डायरिया में प्रोबायोटिक्स युक्त फूड्स का सेवन लाभकारी माना जाता है क्योंकि गुड बैक्टेरिया और बैड बैक्टेरिया के लेवल्स को बेहतर बनाता है। दही एक नेचुरल प्रोबायोटिक है जो डायरिया में बच्चों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बच्चे को उबली हुई शकरकंद, आलू, दलिया, खिचड़ी, चावल का पानी और खिचड़ी जैसे खाना खिला सकते हैं।
गर्मियों में बाहर खाने से परहेज करना चाहिए। दिन में कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए खुद को हाइड्रेटेड रखें। गर्मियों में तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें। बासी व ठंडे खाने से बचें। हाइजीन पर विशेष ध्यान रखें, हाथ धोकर ही खाना खाएं और फ्रेश भोजन लें। शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए फलों का सेवन भी करें।