
प्रयाग भारत, उत्तराखंड: इस वक्त देश के बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। पहलगाम हमले के बाद देश के वरिष्ट सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के साथ कई बैठके हुई। यह रणनीति बनाई गई कि पाकिस्तान को किस तरह से मुहतोड़ जवाब देना है। इसी बीच एक नाम की चर्चा बहुत ज्यादा हो रही है वो नाम है अजीत डोभाल। जिन्होंने मुस्लिम बनकर पाकिस्तान में जासूसी किया था। उनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आइए जानते हैं उनके अतीत के बारे में।

बेहद मुश्किल परिस्थितियों में भी काम किए अजीत डोभाल|
अजीत कुमार डोभाल केरल कैडर के एक पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी हैं। उन्होंने एक दशक तक इसके संचालन विंग का नेतृत्व करने के बाद 2004-05 में खुफिया ब्यूरो के निदेशक के रूप में कार्य किया। अजीत डोभाल ने बेहद मुश्किल परिस्थितियों में भी काम किया है।
पाकिस्तान में एक साल जासूसी किए
एक जासूस और एक खुफिया अधिकारी के रूप में अजीत कुमार डोभाल ने पाकिस्तान में एक साल तक आईबी के अंडरकवर जासूस के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में एक अधिकारी के रूप में छह साल तक सेवा की।
एक बार पकड़े गए थे अजीत डोभाल
मुस्लिम बनकर अजीत डोभाल पाकिस्तान में जासूसी कर रहे थे। तब पाकिस्तानियों को उन पर शक हुआ था और पकड़े गिए थे। दरअसल, ये कहानी खुद डोभाल ने ही एक कार्यक्रम में सुनाई थी. उन्होंने बताया कि एक लाहौर की एक बड़ी मस्जिद वाले इलाके से वो गुजर रहे थे। तभी उन पर एक मौलाना की नजर पड़ी। डोभाल को देखते ही मौलाना ने पूछा कि तुम हिंदू हो?
मौलाना ने कहा कि तुम हिंदू हो
डोभाल ने बताया है कि जैसे ही मौलाना की बात सुने वह हैरान रह गए। पहले तो उन्होंने हिंदू होने से इनकार किया, लेकिन फिर से पास बुलाकर मौलाना ने कहा कि तुम हिंदू हो। जब डोभाल ने पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं तब मौलाना उन्हें अकेले एक कमरे में ले गए। मौलाना साबह अजीत डोभाल को कमरे में लेकर जाते हैं और कहते हैं कि तुम हिंदू ही हो क्योंकि तुम्हारे कान में छेद है। मौलाना ने कहा कि तुम पकड़े गए। बचने के लिए डोभाल ने कहा कि उन्होंने बाद में धर्म परिवर्तन किया है। थोड़ी देर बाद मौलान ने कहा कि इसकी प्लास्टिक सर्जरी करा लो।
दुर्गा और शिव जी की मूर्ति भी दिखाई
अजीत डोभाल ने आगे बताया कि मौलाना ने थोड़ी देर बाद कहा कि मैं भी हिंदू हूं। उन्होंने डोभाल से कहा कि मेरे पूरे परिवार को मार डाला गया था। बचने के लिए में दशकों से ऐसे ही रहता हूं और अब इस इलाके में मेरी इज्जत भी है। डोभाल ने बताया कि उन्होंने अपनी आलमारी खोलकर दुर्गा और शिव जी की मूर्ति भी दिखाई और कहा कि मैं अब भी इनकी पूजा करता हूं।
अजीत कुमार डोभाल ने आगे कहा कि इस घटना के बाद उन्होंने अपने कान की सर्जरी कराई थी। बता दें कि डोभाल 1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर, इराक में 46 भारतीय नागरिकों की निकासी, 2015 में ऑपरेशन हॉट परस्यूट, पीएफआई की तोड़फोड़ और कई अन्य भारतीय खुफिया और सैन्य अभियानों में शामिल रहे हैं।


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