रुद्रपुर बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। डॉ राजकुमार की एंट्री और अति आत्मविश्वास से रुक सकता है विकास का रथ।

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निकाय चुनाव अपने पहले चरण में ही पहुँचा है और उधर रुद्रपुर बीजेपी में अंदर खाने की गुटबाजी दिखनी साफ हो गई है कई बड़े चेहरे कहने को तो विकास शर्मा के साथ हैं पर अंदरूनी रूप से अपनी उपेक्षा से काफी नाखुश भी हैं जिसका सीधा सा खामियाजा विकास शर्मा को भुगतना पड़ सकता है

बता दें कि बीजेपी नें चुनाव का आगाज तो बड़िया किया था पर जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे रुद्रपुर बीजेपी में बढ़ती गुटबाजी के चलते विकास के रथ में कई अड़चने भी सामने आ रही हैं। जिसको लेकर विकास शर्मा दिन का एक महत्वपूर्ण समय का हिस्सा अपने खेमे में बात चीत और पार्टी के बीच नेताओं के अंदरूनी बनते बिगड़ते समीकरणो पर चर्चाओं में ही निकाल रहे हैं। उनका शरीर भले ही वार्डो में जनता के बीच प्रचार में हो पर मन हर पल अंदरूनी कलह में फ़सी उनकी जीत हार पर ही लगा है।

डॉ राजकुमार कि एंट्री के बाद बड़ी पार्टी में कलह.

यहाँ डॉ राजकुमार से सीधा अभिप्राय पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल से ही जिन्होंने वायरल ऑडियो में खुद की हिंदुत्व पर पीएचडी की बात कही थी और हिन्दुओं को लेकर कई अभद्र बाते कहीं थी। हालांकि वो डिग्री उन्होंने किसी भी सरकारी दस्तावेजों में नहीं दर्शाई है पर हमारे द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने जहाँ अपने आप को सबसे ज्ञानी कहा वहीं हिंदुत्व पर डबल पीएचडी करने की बात भी स्वीकारी, पर जैसे ही उन्होंने बीजेपी के मेयर प्रत्याशी विकास शर्मा को अपना समर्थन दिया तभी से पार्टी में दबी अंदरूनी कलह और गुटबाजी को हवा मिल गई। और अंदर ही अंदर ये आग इस कदर बढ़ती जा रही है की आने वाली 25 तारीख को इसके परिणाम काफी निराशाजनक भी हो सकते हैं।

विकास शर्मा भी बच रहे हैं डॉ. को साथ लेकर घूमने में

यहाँ गौर करने वाली बात ये भी हैं कि डॉ. राजकुमार ठुकराल का समर्थन विकास शर्मा को मिलने के बाद विकास शर्मा भी उन्हें अपने साथ प्रचार में ले जाने से बच रहे हैं और दूरियां बना रहे हैं और ये तब भी काफी चर्चा का विषय बना जब डॉ. राजकुमार ठुकराल, विकास शर्मा को समर्थन देने उनके चुनाव कार्यालय पहुँचे तो विकास शर्मा भी विवाद को भापते हुए काफी विलम्ब से उनसे मिलने अपने चुनाव कार्यलय पहुँचे। जबकि उससे एक दिन पूर्व ही वार्ड संख्या 16 और 19 के पार्षद प्रत्याशियों के निर्विरोध जीतने पर विकास शर्मा उन दोनों प्रत्याशियों को स्वयं कलेक्टरेट से लेकर अपने चुनाव कार्यलय पहुँचे थे और मीडिया से रूबरू हुए थे पर राजकुमार ठुकराल के समर्थन के समय वो काफी देर से चुनाव कार्यलय पहुँचे। और इसका सीधा सा उद्देश्य दूसरे गुट को इस समय नाराज ना करना ही रहा होगा।

हालांकि ठुकराल के समर्थन से उपजी अंदरूनी राजनीती का ये गठजोड़ किसके किसके समर्थन से हुआ है और कौन इसका विरोध कर रहा है ये ज्यादातर लोग समझते हैं पर विकास शर्मा के लिए इस समय काफी दुविधा और कमोवेश की स्थिति बनी हुई है  क्योंकि ये भी जगजाहिर है कि डॉ राजकुमार ठुकराल का विकास शर्मा को समर्थन देने में कहीं ना कहीं पीठ पीछे विकास शर्मा का भी हाथ रहा है पर वही विकास शर्मा ये भी जानते हैं कि इस समय मौजूदा विधायक को नाराज करना उनके राजनीतिक रथ को शुरू होने से पूर्व ही रोक सकता है इसलिए वो भी हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं।

चुनावी रण में निकलनेगें कई तीर

अभी ये चुनावी रण कि जिस तरह से शुरुवात हुई है उस से ये कहना गलत नहीं होगा कि अभी इस चुनावी रण में विकास शर्मा को विपक्ष और बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी के कई तीरो का सामना करना पड़ेगा और जितना वो आसान अपनी जीत को समझ रहे हैं  जीत की राह अभी उतनी आसान नहीं होने वाली ये भी तय है। और इसकी शुरुवात अभी सोशल मीडिया में उनके द्वारा नजूल की भूमि पर बनाए गए बालाजी मंदिर पर सरकारी नोटिस का वायरल होने से ही लगाए जा सकते हैं। हालांकि हम उस लेटर की पुष्टि नहीं करते पर हम भी उसकी तह तक पहुंचने में लगे हैं।


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