लोकसभा चुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर मुहर लग गई। दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान बुधवार की शाम कर दिया। कभी एक समय उत्तरप्रदेश में एक छत्र राज करने वाली पार्टी आज इस मुकाम पर है की आज सत्ता में आने के लिए उसे गठबंधन करना पड़ रहा है वहीं गठबंधन में 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में कांग्रेस को बमुश्किल अपने अल्लाइंस समाजवादी पार्टी से पुनः एक बार लोकसभा चुनावों में हाथ मिलाना पड़ रहा है।
बता दें कि यूपी में 80 में से 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। अन्य 63 सीटों पर सपा और उसके सहयोगी लड़ेंगे। कांग्रेस ने भी सपा को एमपी में एक सीट दी है।
सपा एमपी में खजुराहो सीट पर लड़ेगी। सपा ने यूपी में अपने हिस्से की एक सीट आजाद समाज पार्टी को दी है। नगीना सीट पर उसके नेता चंद्रशेखऱ आजाद का लड़ना पहले से ही फाइनल है।सपा ने कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया सीट दी है।
लखनऊ में बुधवार को सपा और कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सीटों के समझौते का ऐलान किया।
कांग्रेस की ओर से प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मौजूद रहे। सपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समझौते का ऐलान हुआ।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने इस गठबंधन को अंजाम तक पहुंचने में बहुत अहम भूमिका अदा की है।
वह उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए सभी पार्टियों को एक साथ लाने का जो प्रयास कर रही हैं, इसके लिए वह उनका आभार प्रकट करते हैं।सपा के प्रदेश अध्यक्ष पटेल ने कहा कि उचित समय पर गठबंधन के स्वरूप को रखा गया है, जिसका पूरा देश बहुत दिनों से आस लगाए था।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में कांग्रेस 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीट पर सपा अध्यक्ष प्रत्याशी उतरेंगे।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सपा प्रमुख अखिलेश यादव से फोन पर हुई बातचीत के बाद यह सहमति बनी।इसके बाद अखिलेश यादव का रिएक्शन आया और उन्होंने साफ किया कि गठबंधन होगा। सीट बंटवारे को लेकर सपा का कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है।सूत्रों की मानें तो सीट की संख्या को लेकर विवाद नहीं था, बल्कि इस बात पर गतिरोध बना हुआ था कि कांग्रेस को कौन-कौन सी सीट दी जा रही हैं। सपा हमें अब कुछ ऐसी सीट देने पर सहमत हो गई है जो हम लड़ना चाहते थे।
सपा ने कांग्रेस को आज जो सीटें दी हैं उनमें वाराणसी-अमरोहा समेत कुछ पर अपने प्रत्याशी भी उतार दिए हैं। अब सपा अपने प्रत्याशियों को वापस लेगी और कांग्रेस की तरफ से नामों का ऐलान होगा।सीटों पर समझौते के बाद माना जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब राहुल की न्याय यात्रा में भी शामिल होंगे।