
पूर्व मेयर रामपाल सिंह का राजनीतिक करियर भले ही अभी 6-7 साल का हुआ है पर बीजेपी और संघ में उनके समर्पण के चलते वो आज पार्टी में सभी शीर्ष नेताओं और संघ के भी शीर्ष नेतृत्व का दिल जीत चुके हैं। इसका प्रमाण उन्हें पार्टी में मिलती एक के बाद एक जिम्मेदारीयों से लगाया जा सकता है। भले ही निकाय चुनाव में उन्हें दोबारा टिकट ना मिली हो पर बावजूद उसके उन्हें रुद्रपुर चुनाव की पूरी जिम्मेदारी मिली जिसको उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व से अंजाम तक भी पहुँचाया और रुद्रपुर निगम सीट अब तक के सबसे बड़े मार्जिन से जीती।

जीत के साथ ही पूर्व मेयर रामपाल सिंह पर पार्टी का भरोसा और बड़ गया। और वहीं अबकी बार संघठन के चुनावों में नैनीताल जिले के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी भी पार्टी और संघ द्वारा सौपी गई है जिसके लिए रामपाल सिंह पूरी तरह से कमर भी कस चुके हैं। और 27 तारीख को नैनीताल जिला अध्यक्ष पद के चुनाव में भी अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए रवाना होने जा रहे हैं।
मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी।
पूर्व मेयर रामपाल सिंह नें जहाँ कार्यक्षेत्र में अपनी जिम्मेदारीया हो या संगठन में अपनी भूमिका हो दोनों को बखूबी निभाया और अगर सूत्रों की माने तो जल्द ही उन्हें पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद या ऊधमसिंह नगर जिलाध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी भी सौपी जा सकती है। और इसकी वजह रामपाल सिंह द्वारा पार्टी और संघ के हर आदेश को हमेशा तत्परता से निभाना है। रामपाल सिंह नें मेयर रहते हुए भी निष्ठा पूर्वक जहाँ जनता से अपना कनेक्ट बनाए रखा वहीं पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी पूरा तालमेल बनाए रखा। और सूत्रो की माने तो अब तक के कार्यकाल में बेदाग छवि के साथ उनको सौपी गई हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाते रहने के चलते जल्द ही पार्टी रामपाल सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपनें पर विचार कर रही है।
ये कहना गलत नहीं होगा की ऊधमसिंह नगर की राजनीती में पूर्व मेयर रामपाल का कद बहुत कम समय में काफी बड़ा हो गया है. पूर्व मेयर रामपाल नें अंदरूनी राजनीती को दरकिनार करते हुए पार्टी कार्यकर्त्ताओ के साथ जिस तरह से सामंजस्य बैठाया और वहीं शीर्ष नेतृत्व को भी कभी शिकायत का मौका नहीं दिया। उसी का परिणाम है की आज ऊधमसिंह नगर सहित उत्तराखंड राज्य में बीजेपी में रामपाल सिंह बिना किसी विरोध के आगे बढ़ते जा रहे हैं।






