बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही 2024 में प्रधानमंत्री बनने की इच्छा को लेकर सीधे तौर पर कुछ न कहे, लेकिन उनकी बातें इस ओर इशारा कर ही देती हैं। बुधवार को केंद्र के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का संदेश देने के दौरान मुख्यमंत्री ने एक बार फिर इस और संकेत दे दिया।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के अधिक से अधिक लोगों की एकता ही मेरी इच्छा है। लोग एकजुट हो जाएंगे। फिर मजबूती के साथ लोकसभा का चुनाव मस्ती में लड़ेंगे। हम इसी इच्छा में चुपचाप बैठे है। इस सिलसिले में दो बार दिल्ली भी गए। हम अब इंतजार कर रहे हैं। सबलोगों को तय करने के लिए कहा है। हमारी पार्टी के लोग भी लगे हुए हैं। किसी को कोई कठिनाई होगी, तो वो भी देखा जा रहा है।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विपक्ष की एकजुटता को भ्रष्टाचारियों की जमात बताए जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अब अटल जी का दौर नहीं रहा। वो कितना ज्यादा मानते थे। तब हमलोग उनकी तारीफ करते थे। अब सब अपनी ही तारीफ करने में लगे हैं।
राहुल गांधी के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी
वहीं, मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद करने के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि जब से हम राजनीति में है, कोर्ट के बारे में कुछ बात होती है तो हम नहीं बोलते हैं। किसी के ऊपर मुकदमा होता है तो हम नहीं बोलते हैं। मेरे ऊपर ही कुछ होता है तो क्या हम बोलते हैं, नहीं। मेरी आदत है, नहीं बोलने की।
इन मामलों पर नहीं देंगे प्रतिक्रिया- नीतीश
सीएम ने कहा कि इनसब पर क्या बोलना है। सबको अधिकार है कोर्ट में जाने का। हम कमेंट नहीं करते हैं। किसी केस, मुकदमा, झगड़ा में मुझे दखल देना पसंद नहीं है। 17 साल से सरकार चला रहे हैं। किसी पर जांच होती है, तो हमने कभी कोई कमेंट नहीं किया। हम तो कहते हैं ठीक तरीके से जांच कीजिए। इसलिए इन चीजों पर मेरी कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है।
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