उत्तराखंड में सहायक अध्यापक परीक्षा के प्रश्नपत्र को लेकर क्यू उठ रहे हैं सवाल? आउट ऑफ़ स्लैबस से आए प्रश्न छाए हुए हैं सोशल मीडिया में! युवाओं में फिर रोष।

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) नें हाल ही में अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से 14 मार्च को विज्ञापन जारी कर उत्तराखंड एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती (Uttarakhand LT Grade Shikshak Bharti 2024) के अंतर्गत “सहायक अध्यापक” (Licentiates Teacher) के 1544 रिक्त पदों पर बंपर भर्ती निकालने का ऐलान किया इस भर्ती अभियान के लिए उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा (एंट्रेंस एग्जाम) के आधार पर किया जाना था तथा जिसकी लिखित परीक्षा 18 अगस्त को आयोजित भी की गई । जो उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करने के इच्छुक हैं वह भर्ती की ऑफिशियल वेबसाइट https://sssc.uk.gov.in के माध्यम से निर्धारित तिथि से ऑनलाइन आवेदन कर सकते थे।आवेदन करने की आरंभिक 12 मार्च 2024 से शुरू होकर अंतिम तिथि 12 अप्रैल 2024 तक रखी गई थी।

बता दें कि पहले से ही पेपर लीक जैसे कई मामले उत्तराखंड सरकार को सवालों के कटघरे में खड़े किए हुए है। युवाओं में जहाँ पेपर लीक मामलों से काफी रोष था तो सरकार इस बार किसी भी परीक्षा में कोई भी चांस लेने के इरादे में नहीं थी इसलिए कुछ समय से प्रदेश की धामी सरकार नें प्रतियोगी परीक्षाओं की जिम्मेदारी UKSSSC को सौंप दी। जहाँ फिर भी कई बार इक्का दुक्का गड़बड़ी के मामले सामने आते रहे पर कई वर्षो से शिक्षकों की लंबित पड़ी ये भर्तियों नें उत्तराखंड के तो युवाओं और खास कर शिक्षकों में एक उम्मीद की किरण भी जगाई। जिसको लेकर 1544 पदों पर प्रदेश के लाखों लोगों नें आवेदन भी किया। और आयोग नें इसको लेकर एक तय सिलेबस भी जारी किया।

प्रश्नपत्र पर उठ रहे हैं सवाल।

बता दें कि आयोग नें सभी विषयों पर निकाली सहायक अध्यापकों की भर्ती हेतु परीक्षा के लिए एक तय पाठ्यक्रम निर्धारित किया पर 18 अगस्त कों हुई परीक्षा में आए प्रश्नपत्र नें सभी अभ्यार्थियों को निराश कर दिया। जहाँ कई अभ्यार्थी इस परीक्षा के लिए कई महीनों से अपना सब कुछ छोड़ कर तैयारी कर रहे थे तो कई जॉब में रहते हुए अपनी पारिवारिक जिम्मेदारीयों को निभाने के साथ साथ देर रात तक बैठ कर इस परीक्षा की तैयारीयों में लगे थे। कोई यूट्यूब में तो कोई किसी अन्य माध्यम से, कोई किसी परीक्षा सम्बंधित किताबों से तो कई भिन्न भिन्न कोचिंग क्लासो में ज्वाइन कर इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। पर 18 अगस्त को आए प्रश्न पत्र नें सभी युवाओं के सपनों को जहाँ चकनाचूर कर दिया वहीं उनकी तैयारीयों को भी धत्ता बता दिया। और इसका विरोध सोशल मीडिया में खुल कर हो रहा है। सोशल मीडिया में साफ कहा जा रहा है कि ज्यादातर प्रश्न दिए गए पाठ्यक्रम से बाहर के थे। तो कहीं इस काफी बड़े पाठ्यक्रम पर भी सवाल खड़े कर रहा है। कई तो इसे सिविल सर्विसेज की परीक्षा की संज्ञा दे रहे हैं।

कुछ सवाल जिन पर उठ रहे हैं सवाल।

18 अगस्त को हुई सहायक अध्यापक की परीक्षा में आए कुछ सवाल तो चर्चा का विषय बने हुए हैं और उन पर लोगों के कमेंट खुद सवाल खड़े कर रहे हैं। यहाँ तक कहा जा रहा हैं कि इन सवालों का उत्तर खुद पेपर बनाने वाले के पास भी नहीं है। इसीलिए उत्तर कुंजिका अभी तक जारी नहीं की गई। तो कई पेपर दोबारा कराने की मांग तक कर रहे हैं।

तो अब देखना ये होगा कि ये परीक्षा भी कहीं अन्य परीक्षाओं की तरह विवादों में ना आ जाए और जिस तरह से उत्तराखंड का इतिहास रहा है, फिर राज्य में युवाओं के साथ सरकारी नौकरी देने के नाम पर धोखा किया जा रहा हो और बैक डोर से नेताओं और मंत्रियों के अपनों को इसका फायदा मिल जाए। हालांकि प्रदेश की धामी सरकार अब ऐसा कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं दिखती पर कहीं लचर प्रणाली फिर धामी सरकार को युवाओं के निशाने पर ना ले आए। यहाँ ये कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से इसका विरोध हो रहा है और सोशल मीडिया में परीक्षा को लेकर उठ रही चिंगारी कभी भी एक बड़ा रूप ना ले ले। और अगर जल्द ही धामी सरकार नें इस और ध्यान ना दिया तो विपक्ष को बैठे बिठाये सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल जाएगा और युवा फिर एक बार बीजेपी के विरोध में दिखाई देंगे जिसके विपरीत परिणाम आने वाले निकाय चुनाव में बीजेपी को देखने को मिल सकते हैं।


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