हाईकोर्ट में अर्जी देकर सुर्खियों में आए प्रखर ने कॉरिडोर निर्माण के लिए 510 करोड़ रुपये बांकेबिहारी भक्तों संग मिलकर इकट्ठा कराने की बात कही थी। एसएसपी मथुरा ने इस संबंध में आगरा पुलिस से प्रखर गर्ग के विरुद्ध दर्ज मुकदमों की जानकारी मांगी। जिसमें प्रखर गर्ग का आपराधिक इतिहास सामने आया। प्रखर गर्ग जेल भी जा चुका है। जमानत पर बाहर है। जिन लोगों के साथ रकम के लेनदेन में धोखाधड़ी हुई वह प्रखर गर्ग के घर से लेकर पुलिस थानों व अदालतों में चक्कर काट रहे हैं।
तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन में भीड़ के दबाव के देखते हुए यहां पर कॉरिडोर निर्माण की मांग तेजी से चल रही है। इस पर सरकार भी अपनी रुचि दिखा रही है। ताकि श्री बांके बिहारी जी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन मिल सकें। बताते चलें कि भीड़ का दबाव बढ़ने से यहां पर कई बार हादसे हो चुके हैं। इसमें श्रद्धालुओं की जानें भी चली गईं। यहां पर कॉरिडोर निर्माण के लिए आगरा के प्रखर गर्ग ने हाईकोर्ट में अर्जी दी है। उनका कहना है कि वह कॉरिडोर निर्माण के लिए 510 करोड़ देंगे। आइए जानते हैं आखिर कौन है यह प्रखर गर्ग
वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए 510 करोड़ एकत्र कराने की हाईकोर्ट में अर्जी देने वाले बिल्डर प्रखर गर्ग की सच्चाई शनिवार को पुलिस रिपोर्ट में सामने आई है। पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने एसएसपी मथुरा को प्रखर गर्ग का आपराधिक इतिहास भेजा है। जिसमें प्रखर पर धोखाधड़ी, चेक बाउंस व अन्य धाराओं में 22 केस दर्ज हैं।
बाग फरजाना निवासी अनुराग गुप्ता ने 2021 में प्रखर गर्ग सहित 4 लोगों के खिलाफ थाना हरीपर्वत में धोखाधड़ी, साजिश का केस दर्ज कराया था। द्वारिकापुरम, कमला नगर निवासी प्रखर के विरुद्ध रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज कानपुर, बिजली कंपनी टोरंट पावर, जीवनदायिनी फार्मेसी शॉप के संजीव गोयल सहित 21 लोगों ने चेक बाउंस और अमानत में खयानत का मुकदमा न्यायालय के आदेश से दर्ज कराए हैं। सभी मुकदमे पिछले तीन साल में दर्ज हुए हैं। आरोप है कि प्रखर गर्ग ने कई लोगों को होटल व अन्य संपत्तियां दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की है।