ऑनलाइन सम्बोधन में बोले पीएम मोदी- आने वाले 25 साल कड़ी मेहनत, त्याग औऱ तपस्या की पराकाष्ठा होंगे

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राजस्थान के माउंट आबू स्थित ब्रह्म कुमारीज संस्थान द्वारा आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा है कि आने वाले 25 साल कड़ी मेहनत, त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा होंगे। पीएम ने कहा कि हमारे समाज ने सैकड़ों वर्षों की गुलामी में जो खोया है उसे वापस पाने के लिए यह 25 साल की अवधि अहम है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारे व राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं और राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वह हर दौर में अपना मूल स्वभाव बनाए रखता है।

वहीं पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे और राष्ट्र के सपने अलग-अलग नहीं हैं। हमारी निजी व राष्ट्रीय सफलताएं अलग अलग-अलग नहीं हैं। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। यह बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है।”

मोदी ने कहा, ”आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है। सबका साथ, सबका विश्वास व … सबका प्रयास … यह सब देश का मूल मंत्र बन रहा है।” उन्होंने कहा, ”आज हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो। एक ऐसा समाज बना रहे हैं जो समानता व सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो। हम ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं जिसकी सोच व एप्रोच नई है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि कैसा भी समय आए कितना भी अंधेरा छाए, भारत अपने मूल स्वभाव को बनाए रखता है।”


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