रुद्रपुर में कबूतरबाजी का नया गैंग फिर सक्रिय जिसमें क्या वकील भी है साथ? पीड़ित की आवाज उठाने पर वकील नें झटका पत्रकार का फोन।

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रुद्रपुर में कबूतरबाजी के एक के बाद एक कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं वहीं आज एक और मामला सामने आया जब रुद्रपुर आवास विकास स्तिथ यूनिटी ग्लोबल पार्टनर के नाम से मेट्रोपोलिस सोसाइटी में रहने वाले गुरसुख सिंह नें श्रीरामपुर दिनेशपुर के रहने वाले पुन्नू मंडल से उनके बेटे रोहित मंडल को विदेश भेजनें के नाम पर लगभग 1.5 साल पहले 5 लाख रूपये लिए। पीड़ित पुन्नू मंडल के अनुसार पूरी डील 11 लाख में हुई जिसमें 5 लाख काम होने से पहले और बाकी का 6 लाख काम होने के बाद देना तय हुआ। पीड़ित पुन्नू मंडल नें अपने बेटे को विदेश भेजनें के लिए अपने घर पर लोन भी लिया पर पिछले 1.5 साल से ना ही पुन्नू मंडल का बेटा रोहित विदेश जा पाया और ना ही गुरसुख सिंह नें पुन्नू मंडल के 5 लाख वापस दिए। दी तो बस तारीख पर तारीख।

पढ़ाई के नाम पर विदेश भेजनें के नाम पर ढगी का ये धंधा कोई नया नहीं है जहाँ मासूम लोग इन विदेश भेजनें वालों के षड़यंत्र का शिकार होते हैं और ये गिरोह इस कदर बेखौफ है की इनकी टीम में कुछ वकील भी शामिल हैं। और ये खुलासा तब हुआ जब हम पीड़ित पुन्नू मंडल के साथ आज गुरसुख सिंह के आवास विकास स्तिथ ऑफिस गए जहाँ गुरसुख सिंह तो नहीं थे और उनका मोबाइल पर उनका पक्ष जानने और उनसे मिलने के लिए कॉल किया तो उनका कॉल निरंतर वेटिंग में ही आता रहा। फिर करीब 30 मिनट के बाद हमें उनके वकील का उनके मोबाइल से फोन आया। फोन पर वकील जहाँ गुरमुख सिंह को रिफंड ना मिल पाने की बात करते रहे वहीं 10 मिनट में वकील साहब गुरसुख सिंह के ऑफिस भी आ गए और वहीं पत्रकारों से बात करते हुए पत्रकार जब रिकॉर्डिंग कर रहे थे तो उन पर हमला करते हुए उनका मोबाइल ही पटक दिया जो पत्रकार के कैमरे और उनके ऑफिस में लगे कैमरे में भी रिकॉर्ड हों गया। कहीं ना कहीं ये इस ओर इशारा करता है की इन ठगों में कुछ वकील भी शामिल हो सकते हैं जो वकालत के सम्मानित पेशे को भी तार तार कर रहे हैं।

पीड़ित पुन्नू मंडल नें बताया की उन्हें ठग गुरसुख सिंह नें उनकी दी रकम के बदले 350000 रूपये का चेक भी दिया था जो बार बार तारीख मिलने पर पुन्नू मंडल नें बैंक में जमा भी करवाया पर हुआ वही,वो चेक बाउंस हों गया। यहाँ ये सवाल खड़े होते हैं की किस कदर इन ठगों के हौसले बुलंद हैं वहीं अपने आप को कानून के सिकंजे से बचाने के लिए कुछ वकीलों को भी मिलाकर ये मासूम लोगों के साथ ठगी का खेल खेलते हैं। और पीड़ित और पत्रकारों को धमकाने के लिए ये कई गुंडों को भी शामिल करते हैं।

प्रशासन जहाँ अपराध पर जीरो टॉलरन्स की तर्ज पर काम करती है वहीं कई बार इन ठगों पर कार्यवाही करने के बाद ये फिर कैसे सक्रिय हो जाते हैं और पूरी टीम के साथ फिर मासूम लोगों के शिकार पर निकल जाते हैं यह बड़ा सवाल है। यहाँ वकील का कृत्य भी सम्मानित वकालत जैसे पेशे पर दाग लगाने जैसा है जो पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय गुरसुख सिंह जैसे लोग जो विदेश भेजनें के नाम पर मासूम लोगो को ठगने में उनका साथ देते हैं और सच्चाई को दबाने के लिए पत्रकारों के मोबाइल ही झटक देते हैं।

खबर लिखे जाने तक पीड़ित पुन्नू मंडल को अब जहाँ पैसे वापस करने की बात कही जा रही है वहीं दूसरे शब्दों में धमका भी रहे हैं। अब पीड़ित पुलिस प्रशासन की ओर न्याय की दृष्टि से देख रहा है और पुलिस से अपनी गुहार लगाने के लिए उनके दर पर जाने को विवश है। पर सबसे बड़ा सवाल ये है आँखिर कब तक गुरसुख सिंह जैसे लोग विदेश भेजनें के नाम पर आम जनता को ठगते रहेंगे।


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