स्वीडन की सोशल डेमोक्रेट नेता मैग्डेलेना एंडरसन को संसद ने स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चयनित किया है। बता दें कि एंडरसन इससे पहले वित्त मंत्री थीं। स्वीडन को लैंगिक समानता के मामले में यूरोप के सबसे प्रगतिशील देशों में शुमार किया जाता है, लेकिन अभी तक किसी महिला को देश की बागडोर नहीं सौंपी गई थी, लेकिन अब स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री एंडरसन को चुना गया है। स्वीडन में पहली महिला प्रधानमंत्री बनना वहाँ के लिए मील का पत्थर माना गया है।
एंडरसन संसद में बहुमत के आंकड़े (175) से दूर थी। वोट कम होने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया। स्वीडन में प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में बहुमत की जरूरत नहीं होती बल्कि बहुमत के आंकड़े के बराबर सांसद किसी कैंडिडेट का विरोध न करे। संसद के 349 सदस्यों में से 174 ने एंडरसन के खिलाफ वोट किया। हालांकि, 117 सांसदों ने उनका समर्थन किया है। 57 सांसदो ने वोटिंग मे हिस्सा नहीं लिया। वहीं, एम सांसद अनुपस्थित थे।
एंडरसन ने बताया कि उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1996 में की थी। बताया कि वह प्रधानमंत्री गोरान पर्सन की राजनीतिक सलाहकार थीं। वह उप्साला यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं और जूनियर स्विमिंग चैंपियन भी रह चुकी हैं। एंडरसन ने बताया कि विपक्षी पार्टियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी पार्टियों का कहना हैं कि वो सरकार के बजट का विरोध करेंगी।
एंडरसन ने बताया कि पहले ही सेंट्रल पार्टी और सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी का समर्थन हासिल कर लिया था लेकिन आशंका इस बात की थी कि सेंट्रल पार्टी उनकी दावेदारी के खिलाफ जा सकती है। सेंट्रल पार्टी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर एंडरसन का समर्थन करेगी, लेकिन सरकार के बजट का विरोध करेगी।
एंडरसन ने संसद में लेफ्ट पार्टी के साथ एक समझौता किया था। इसमें समर्थन वोट के बदले गरीबों की पेंशन बढ़ाने की मांग मानी गई। समझौते के बाद उन्होंने बयान दिया कि हम बेहद गरीब पेंशन धारकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले एक समझौते पर सहमत हैं। सात साल तक स्वीडन के प्रधानमंत्री रहे स्टीफन लोफवेन के बाद एंडरसन प्रधानमंत्री होंगी। स्टीफन ने 10 नवंबर को इस्तीफा दिया था।