उत्तराखंड में युवा सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के चक्कर में सेक्सटॉर्शन का शिकार हो रहे हैं। इसमें अनजान लोग सोशल मीडिया पर दोस्ती करने के बाद न्यूड कॉल करते हैं। जिसके बाद वसूली का धंधा शुरू हो जाता है। साइबर सेल ने ऐसे कई मामलों में कार्रवाई कर पीड़ितों को उनकी गंवाई हुई रकम वापिस दिलाई है उत्तराखंड पुलिस ने अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम पीड़ितों को वापस दिलाई है। कुमाऊं ही नहीं गढ़वाल में भी सेक्सटॉर्शन के मामले तेजी से बढ़े हैं। पंतनगर साइबर थाने में हर महीने ठगी के मामलों में से चार-पांच मामले सेक्सटॉर्शन से जुड़े होते हैं। सेक्सटॉर्शन के जरिए ठगी करने वाले लोग लड़कियों की फेक आईडी बनाकर फेसबुक और वॉट्सएप पर लोगों से दोस्ती करते हैं। बाद में वीडियो कॉल करके लोगों को फंसाया जाता है। शातिर ठग एडिटेड वीडियो संबंधित व्यक्ति को भेजते हैं और रुपये ऐंठने लगते हैं।
सामाजिकता के डर के कारण शिकायत नहीं करते कई बार सामाजिक बदनामी के डर से लोग पुलिस में शिकायत भी नहीं कर पाते। साल 2021 में सेक्सटॉर्शन से जुड़ी 847 शिकायतें आई, इन सभी का निस्तारण करते हुए पीड़ितों को 62,54,273 रुपये वापस दिलाए गए। साल 2022 में 857 शिकायतें मिलीं। इनका निस्तारण कर 6967866 रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए गए। साल 2023 में अब तक ऐसी 167 शिकायतें पुलिस को मिली हैं, जिसमें से 115 मामलों का निस्तारण कर पीड़ितों को 20,21,454 रुपये लौटाए गए हैं। । जनवरी 2021 से मई 2023 तक लगभग 40 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। आरोप सिद्ध होने पर धारा 420 के तहत 7 साल और आईटी एक्ट के तहत 3 साल की सजा होती है। साइबर थाना प्रभारी ललित जोशी ने कहा कि सेक्सटॉर्शन के ज्यादातर मामलों का केंद्र राजस्थान और आसपास के इलाका में पाया गया है। इस साल भी कई केस सामने आए है, जिनमें पुलिस कार्रवाई कर रही है।