हेल्थ टिप्स ::- आज के दौर में महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी की बेहद आवश्यकता है। जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है उनमें,हार्ट फेलियर,हार्ट अटैक,स्ट्रोक,मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। गर्भावस्था के दौरान अगर विटामिन डी लेवल कम हो जाता है तो, इसे प्री एक्लेप्सिया, गेस्टेशनल डायबिटिज जैसी स्थिति बन जाती है। वहीं हड्डियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द और हड्डियों के टूटने का रिस्क बढ़ जाता है।
लक्षण –
जल्दी बीमार पड़ना- जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। शरीर में बीमारियों, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। विटामिन डी की कमी होने पर अक्सर फ्लू, बुखार और सर्दी खांसी की समस्या होने लगती है।
जोड़ों में दर्द- विटामिन-डी की कमी होने से शरीर के सभी हिस्सों में दर्द होता है रोजाना इजी एक्सरसाइज करें। अगर तकलीफ हो तो योग का सहारा ले सकते हैं।
सर्दी खांसी- अगर बार-बार बीमार पड़ते हैं। इस स्थिति में सर्दी, खांसी और बुखार आदि की शिकायत होती है, तो यह विटामिन-डी की कमी के लक्षण हैं।
स्ट्रेस और डिप्रेशन- महिलाओं में विटामिन डी की कमी अधिक देखने को मिलती है। विटामिन डी की कमी से महिलाओं को अक्सर चिंता और थकान महसूस होती रहती है। स्ट्रेस और तनाव में रहने से महिलाएं पूरा दिन उदास रहती हैं।
कैसे करें विटामिन डी की पूर्ती
– रोजाना धूप में कम से कम 15 मिनट तक जरूर रहें, ये हड्डियों को मजबूत बना के रखने में मदद करता है।
– रोजाना के डाइट में सोया मिल्क, संतरे का जूस, गाय के दूध, पनीर और दही को शामिल कर सकते हैं।
-मशरूम की बात करें तो ये विटामिन डी का एक बेहद अच्छा सोर्स होता है, इसके सेवन से विटामिन डी की पूर्ती की जा सकती है।
अधिक समस्या होने पर चिकत्सक से परामर्श ले।