
प्रयाग भारत, नई दिल्ली: भारत के साथ संघर्ष कर रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बार फिर ठहने के कगार पर है। इसे गहरे आर्थिक संकट से निकालने के लिए शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठक है।
भारत भी आईएमएफ के प्रबंधन का हिस्सा होने की वजह से इस बैठक में हिस्सा लेगा और पाकिस्तान की आतंकवादी चेहरे को यहां भी बेनकाब करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। वैसे भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को पैकेज मिलने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के पूरे आसार हैं क्योंकि आईएमएफ में दो सबसे बड़े हिस्सेदार देश अमेरिका और चीन की तरफ से किसी विरोध की संभावना नहीं है।

इस स्थिति के बावजूद भारत सदस्य देशों को बताएगा कि सीमा पार आतंकवाद को सरकार की नीति का हिस्सा बनाने वाले पाकिस्तान को वित्तीय पैकेज देने का मतलब वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देना है। शुक्रवार की आइएमएफ की बैठक को लेकर भारत की रणनीति के बारे में संकेत विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दिए।


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