उत्तराखंड DGP बन SP से मांगे ₹50 हजार, साइबर ठगी का किया पर्दाफाश

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प्रयाग भारत, रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के उच्च अधिकारियों के नाम और पद का दुरुपयोग कर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. गिरोह की ओर से पुलिस महानिदेशक (DGP) के नाम से पुलिस अधीक्षक (SP) से व्हाट्सएप पर चैटिंग कर खाते में धनराशि भेजे जाने की डिमांड की गई थी. मामले को गंभीरता से लेकर एसपी ने कोतवाली रुद्रप्रयाग में एफआईआर दर्ज करवाई. मामले में अब तक 4 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि अन्य की तलाश जारी है.

जानकारी के मुताबिक, 6 जनवरी 2025 को रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे के सीयूजी (सरकारी) मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज भेजा गया, जिस पर सामने वाले व्यक्ति ने स्वयं का परिचय दीपम सेठ पुलिस महानिदेशक (DGP) उत्तराखंड के रूप में देते हुए बैंक खाते में ₹50 हजार धनराशि डालने को लेकर अनुरोध किया गया.

पुलिस महानिदेशक के नाम से मैसेज करने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. रुद्रप्रयाग पुलिस का कहना है कि वास्तव में इस प्रकार का मैसेज किसी भी स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से किया जाना संभव नहीं था. लेकिन ऐसा मैसेज आने पर उस नंबर को ब्लॉक करना या इग्नोर कर देना भी उचित नहीं था.

एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में कोतवाली रुद्रप्रयाग में धारा 318 (4), 319 (2), 61 (2) BNS और 66 डी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का मुकदमा दर्ज करवाकर जांच निरीक्षक राकेश कुमार प्रभारी साइबर सेल पुलिस कार्यालय को सौंपी गई. जांच में बैंक खाते और मोबाइल का प्रयोग महाराष्ट्र और राजस्थान में होना पाया गया.

मामले के खुलासे के लिए जिला स्तर पर टीम गठित कर दबिश, छापेमारी के लिए महाराष्ट्र और राजस्थान के लिए रवाना की गई. पुलिस की एक टीम ने राजस्थान पहुंचने पर लगभग एक माह तक वहीं रहकर स्थानीय स्तर पर छापेमारी, एआई और मोबाइल फोरेंसिक की मदद से राजू प्रजापत पुत्र दौलतराम प्रजापत, ललित किशोर उपाध्याय पुत्र प्रकाश चंद उपाध्याय, बलवान हुसैन पुत्र मोहम्मद अनवर, मोहम्मद अयूब पुत्र मोहम्मद सलीम चारों निवासी बीकानेर, राजस्थान को हिरासत में लिया.

पूछताछ के दौरान इन चारों व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर चोरों को गिरफ्तार कर स्थानीय न्यायालय के सामने पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया. आरोपियों से अन्य पूछताछ के बाद कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. जहां से आदेश पर जेल भेज दिया गया है.


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